गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में धान की भूसी के प्रयोग से होने वाली राख से उद्यमियों को राहत मिलने वाली है। गीडा में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) एवं कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) का काम कर रही कंपनी टोरेंट गैस को गीडा में पाइप लाइन बिछाने की अनुमति मिल गई है।
गीडा में कई फैक्ट्रियों में ब्वायलर होने के कारण भूसी का प्रयोग किया जाता है। भूसी का प्रयोग करने से बड़े पैमाने पर राख निकलती है। इससे वहां रहने वाले लोगों को तो परेशानी होती ही है, कई तरह के उत्पादों के खराब होने का खतरा भी पैदा हो गया है। उद्यमियों की ओर से इस बात का विरोध भी किया गया है और संबंधित इकाइयों को डस्ट कलेक्टर लगाने को कहा गया है। पर, पाइप लाइन बिछ जाने से भूसी की जगह प्राकृतिक गैस का प्रयोग हो सकेगा और राख की समस्या समाप्त हो जाएगी। गीडा सीईओ संजीव रंजन का कहना है कि टोरेंट गैस की ओर से औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस देने के लिए पाइप लाइन बिछाने की अनुमति मांगी गई है। प्राकृतिक गैस के प्रयोग से गीडा में प्रदूषण की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। आवासों के लिए पहले ही पाइप लाइन बिछायी जा रही है।