राम मंदिर का शिलान्यास देख भावुक हुए आंदोलन से जुड़े लोग
राममंदिर आंदोलन में अपने-अपने दायरे में सक्रिय भूमिका निभाने वाले आरएसएस के स्वयंसेवकों से लेकर आम लोगों ने शिलान्यास कार्यक्रम का टीवी पर लाइव प्रसारण देखा। 75 से अधिक उम्र के बुजुर्गों की आंखों की...
राममंदिर आंदोलन में अपने-अपने दायरे में सक्रिय भूमिका निभाने वाले आरएसएस के स्वयंसेवकों से लेकर आम लोगों ने शिलान्यास कार्यक्रम का टीवी पर लाइव प्रसारण देखा। 75 से अधिक उम्र के बुजुर्गों की आंखों की चमक देखते ही बन रही थी। इनकी आंखों के सामने रथ यात्रा के साथ ही विवादित ढांचा गिराने का वाकया तैर गया। बुजुर्गों ने परिवार के साथ शिलान्यास कार्यक्रम को देखा और बच्चों से आंदोलन के दिनों को साझा किया। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने आरएसएस और आंदोलन से जुड़े लोगों के खुशी और उत्साह को लेकर प्रतिक्रिया ली।
उम्मीद नहीं थी देख सकूंगा मंदिर का शिलान्यास
सहजनवा के नेउसा गांव के रहने वाले इन्द्रदेव प्रसाद त्रिपाठी संघ के पूर्व खंड संचालक रह चुके हैं। बुधवार को उन्होंने राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम को टीवी पर देखा तो उनकी आंखों को यकीन नहीं हो रहा था। वह बताते हैं कि यह आशा छोड़ दिया था, कि इस जन्म में राम मंदिर निर्माण होते देख पाऊंगा। आंदोलन के समय की बात याद करते हुए श्री त्रिपाठी बताते हैं कि 30 अक्तूबर 1990 में पूरा इलाका पुलिस छावनी में बदल चुका था। अयोध्या जाने की जिद में साइकिल से ही साथियों के संग निकल लिए। साथी रामप्रकाश यादव, प्रमोद बुधिया, दिनेश राज के साथ अयोध्या छावनी पर पहुंचे तो विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री अशोक सिंघल को देख उत्साह दोगुना हो गया।
प्रभु की कृपा है कि शिलान्यास कार्यक्रम का गवाह बना
कोतवाली रोड निवासी जगदीश प्रसाद आरएसएस के सक्रिय स्वयंसेवक हैं। उनके लिए 5 अगस्त की तारीख का काफी महत्व रहा। परिवार के साथ वह टीवी पर चिपके रहे। अपलक वह टीवी में एक-एक पल को निराहते रहे। पत्नी उर्मिला देवी के साथ सुबह से ही टीवी के सामने आ गए थे। पौत्र अक्षय गुप्ता और पौत्री अंशिका ने बाबा से कहा कि हम लोग काफी भाग्यशाली हैं, कि भगवान राम के मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम को देख रहे हैं। जिसके बाद जगदीश प्रसाद ने बच्चों को कारसेवा और आंदोलन से जुड़ी बातों को साझा करते हुए कहा कि तुमसे अधिक भाग्यशाली मैं हूं। प्रभु की कृपा से शिलान्यास कार्यक्रम का गवाह बना।
बीमार परमेश्वर गुप्ता ने लैपटॉप पर देखा शिलान्यास
रेती रोड निवासी परमेश्वर गुप्ता की उम्र 84 की हो चुकी है। बुधवार को भगवान राम के मंदिर के शिलान्यास को लेकर उनका उत्साह देखते ही बनता था। अपने पौत्र शाश्वत ने लैपटॉप मंगवाया और न्यूज चैनल सेट कराया। सुबह 10 बजे से ही सीधा प्रसारण देखते रहे। अपने पौत्र को विवादित ढांचा गिराये जाने के बाद निकाले गए जुलूस का वाकया बताया। परमेश्वर गुप्ता ने बताया कि स्कूटर से जुलूस में शामिल होने गया था। पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो स्कूटर सड़क पर छोड़कर वापस घर चले आए। जान पहचान के एक व्यक्ति ने घर पर स्कूटर पहुंचाई। परमेश्वर गुप्ता कहते हैं कि शिलान्यास कार्यक्रम किसी सपने से कम नहीं था। अच्छा लगा कि गोरक्षपीठाधीश्वर की सक्रिय मौजूदगी में शिलान्यास कार्यक्रम हुआ।
शिलान्यास कार्यक्रम के बहाने याद आ गईं पुरानी यादें
रामजानकी नगर निवासी 84 वर्षीय सावित्री श्रीवास्तव रामजन्म भूमि आंदोलन की सक्रिय सदस्यों में शुमार हैं। शिलान्यास कार्यक्रम का इंतजार लंबे समय से था। बुधवार को सावित्री श्रीवास्तव पूरे परिवार के साथ टेलीविजन से चिपक गई थीं। उनके बेटे विनय श्रीवास्तव ने सुबह से ही तैयारी कर ली थी। बच्चों को निर्देश था कि वह चैनल नहीं बदलेंगे। सावित्री श्रीवास्तव शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर निराजल व्रत थी। शिलान्यास कार्यक्रम के बाद उन्होंने पानी ग्रहण किया। वह बताती हैं कि कार्यक्रम के साथ ही 30 साल पहले की गतिविधियां आंखों के सामने तैर गईं। जब मंदिर आंदोलन को लेकर कालोनी में महिलाओं कीर्तन मंडली बन गई थी। लोगों को आंदोलन के लिए जागरूक करने की जिम्मेदारी महिलाओं के जिम्मे थी।