अंगुलियों के निशान छोड़ रहे साथ, चेहरा भी पहचानने से इनकार
गोरखपुर। आशीष श्रीवास्तव मां के बीमार होने से चरगांवा के रहने वाले अनिल कुमार

गोरखपुर। आशीष श्रीवास्तव मां के बीमार होने से चरगांवा के रहने वाले अनिल कुमार अपनी 70 वर्षीय मां को कोषागार नहीं ले जा सके। पेंशन के लिए भौतिक या आनलाइन सत्यापन की बाध्यता की वजह से अनिल से आनलाइन सत्यापन का विकल्प अपनाया और घर पर ही बायोमेट्रिक मशीन ले आए। उमंग एप को इंस्टाल किया और अंगूठे से मां विजयमती देवी का सत्यापन करने लगे। कई बार प्रयास के बाद अंगूठे से सत्यापन नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने चेहरे के सत्यापन का विकल्प चुना। चेहरा भी रीड नहीं कर सका और थकहार अनिल ने प्रयास करना छोड़ दिया।
पेंशन सत्यापन न हो पाने की वजह से अनिल कोषागार पहुंचे और पीड़ा बताते हुए दूसरा विकल्प बताने को कहा। इसपर कोषाधिकारी ने एक कर्मचारी को घर जाकर सत्यापन करने को कहा है। अनिल की मां की तरह इस तरह की दिक्कत रोजाना दर्जनों बुजुर्गों के सामने आ रही है। अंगुलियों के निशान तो साथ छोड़ ही रहे हैं साथ ही उमंग एप चेहरा भी पहचानने से इनकार कर रहा है। मजबूरन या तो लोग बुजुर्गों को कोषागार ले जा रहे हैं या कोषाधिकारी से अनुरोध घर पर ही भौतिक सत्यापन की गुहार लगा रहे हैं। दरअसल 30 नवम्बर तक अगर जीवित प्रमाण पत्र दाखिल नहीं हुआ तो पेंशन रुक जाएगा। इसके बाद प्रमाण पत्र दाखिल करने के बाद ही पेंशन जारी हो सकेगा।
रोजाना 40 से 45 लोगों को फेल हो रहा है सत्यापन
कोषागार में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि रोजाना 40 से 45 लोगों को आनलाइन सत्यापन फेल हो जा रहा है। हालांकि कइयों का सत्यापन आनलाइन हो भी रहा है लेकिन फेल होने वालों की संख्या ज्यादा है ऐसे में कई बुजुर्गों को मजबूरन कोषागार कार्यालय तक आना पड़ रहा है।
30 नवम्बर तक देना है जीवित प्रमाण पत्र
30 नवम्बर तक जीवित प्रमाण पत्र जमा करने की अनिवार्यता के चलते इन दिनों कोषागार में लाठी लेकर आने बुजुर्गों की लाइन लगी है। कोई लाठी लेकर आ रहा है तो किसी को कांधे पर उनके परिजन ला रहे हैं। जीवित होने का प्रमाण देने के सबसे अधिक दिक्क्त 70 के पार वाले बुजुर्गों को है। इन सब के बीच सबसे सुखद ये है कि मोबाइल पर उमंग ऐप बिना किसी बायोमेट्रिक या अन्य औपचारिकता के आसानी से लाइफ जीवित का प्रमाण पत्र घर बैठे देने की व्यवस्था है लेकिन काफी प्रयास के बाद भी कइयों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है।
गोरखपुर ट्रेजरी में 40 हजार पेंशनर्स
वर्तमान में कोषागार में 40 हजार से ज्यादा पेंशनर्स रजिस्टर्ड हैं। इसमें करीब 12 फीसदी ऐसे पेंशनर्स हैं जिनकी उम्र 80 के पार है। सबसे अधिक दिक्कत ऐसे ही पेंशनधारकों को आती है।
