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मतदान से महरूम रह गए सैंकड़ों मरीज और तीमारदार

नगर निकाय चुनाव में शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रशासन व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता एड़ी चोटी करते रहे। घरों से मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने में तो सफल हो गए, लेकिन अस्पताल व नर्सिंग होम के...


मतदान से महरूम रह गए सैंकड़ों मरीज और तीमारदार
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरWed, 22 Nov 2017 08:38 PM
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नगर निकाय चुनाव में शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रशासन व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता एड़ी चोटी करते रहे। घरों से मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने में तो सफल हो गए, लेकिन अस्पताल व नर्सिंग होम के मतदाताओं को मतदान कराने का प्रयास नहीं हुआ। जिसके चलते सैंड़ों मरीज मतदान से महरूम रह गए। मरीजों के साथ ही उनके तीमारदार भी मतदान नहीं कर सके।

पूर्वांचल में इलाज का सबसे बड़ा केन्द्र महानगर ही है। करीब 950 बेड वाले बीआरडी मेडिकल कालेज के अलावा 305 बेड जिला अस्पताल, 200 बेड महिला अस्पताल में है। शहर में करीब 300 नर्सिंग होम व अस्पताल में 6000 बेड हैं। अस्पतालों में अलग-अलग तकलीफ एवं बीमारी के चलते करीब आठ हजार लोग भर्ती है। यह आबादी बुधवार को चाहकर भी मतदान नहीं कर सकी।

अस्पताल के बेड पर कराह रहे मरीजों के चेहरे पर मतदान से वंचित रहने का दर्द दिखा। मरीजों ने कहा कि वे अपनी तकलीफ से परेशान हैं इसलिए वोट डालने बूथ तक नहीं जा सकते। यदि प्रशासन अस्पताल में मतदान का इंतजाम करता तो वे भी अपने मताधिकार का प्रयोग करते। जिला अस्पताल के हड्डी रोग वार्ड में भर्ती अजय ने बताया कि रूस्तमपुर क्षेत्र में रहते हैं। सिर्फ दो दिन पहले ही एक गाड़ी ने ठोकर मार दी। जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

तीमारदार भी रहे वंचित

मरीजों के साथ अस्पताल में मौजूद तीमारदार भी मतदान को नहीं जा सके। मरीजों के अलावा करीब आठ से दस हजार तीमारदार भी मतदान से महरूम रहे। बेटे अंश का इलाज करा रहे संजेश्वर और रेनू को भी मतदान में शामिल न होने का दर्द है। उन्होंने बताया कि बुखार के कारण दो दिन पहले बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके कारण मतदान में शामिल नहीं हो सके। अस्पताल में भर्ती घोसीपुर की चंद्रावती और मोहद्दीपुर की निकिता भी मतदान नहीं कर सकी।

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