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पैगंबर-ए-इस्लाम ने वतन से मोहब्बत का पैगाम दिया

मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं जिसे बेहतर बनाने, अच्छाई को स्वीकार करने के लिए पैगंबर-ए-इस्लाम ने संदेश न दिया हो। कायनात का जर्रा-जर्रा पैगंबर-ए-इस्लाम को आखिरी नबी मानता है।...

पैगंबर-ए-इस्लाम ने वतन से मोहब्बत का पैगाम दिया
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरWed, 14 Nov 2018 07:11 PM
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मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं जिसे बेहतर बनाने, अच्छाई को स्वीकार करने के लिए पैगंबर-ए-इस्लाम ने संदेश न दिया हो। कायनात का जर्रा-जर्रा पैगंबर-ए-इस्लाम को आखिरी नबी मानता है। पैगंबर-ए-इस्लाम की बातें इंसानों को सच की राह दिखाती हैं। उन्होंने वतन से मोहब्बत का पैगाम भी दिया।

मुफ्ती अख्तर बुधवार को शहीद अब्दुल्लाह नगर सिधारीपुर में आयोजित 'जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी' जलसे को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस्लाम का असल मिशन अमन व शांति है। किसी भी मुल्क की तरक्की अमन, भाईचारा व आपसी प्रेम के माहौल में ही हो सकती है। पैगंबर-ए-इस्लाम के बताए राह पर चलकर ही मुल्क, कौम और समाज को खुशहाल बनाया जा सकता है। उन्होंने 21 नवंबर को निकलने वाले 'जुलूस-ए-ईद मिलादुन्नबी' को शंतिपूर्ण एवं अदबो एहतराम से निकालने की अवाम से अपील की है। कहा कि इस मौके पर पटाखा-फुलझड़ी वगैरह न फोड़े।

विशिष्ट अतिथि मौलाना नूरुलहोदा ने कहा कि इस्लाम में सूद को हराम माना गया है। इस्लाम के मुताबिक सूद एक ऐसी व्यवस्था है जो अमीर को और अमीर बनाती है तथा गरीब को और ज्यादा गरीब। उन्होंने कहा कि 'जुलूस-ए-ईद मिलादुन्नबी' के दौरान ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी को भी जर्रा बराबर तकलीफ हो।

तिलावत व नात मौलाना बदरुल हसन ने पेश की। संचालन हाफिज कासिम ने किया। अंत में सलातो-सलाम पढ़कर अमनो-अमान की दुआ मांगी गयी और शीरीनी बांटी गयी। इस मौके पर अनवर हुसैन, रोजित, अख्तर हुसैन, मुबारक, इस्तेफा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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