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वन माफिया जैसराम को झटका, मछली मारने का ठेका रद्द

फर्जीवाड़ा कर तीन तालाबों में मछली मारने का ठेका लेने वाले माफिया जैसराम निषाद को वन विभाग ने बड़ा झटका दिया है। शनिवार को वित्त वर्ष 2019-20 में नीलाम किए गए लाट संख्या 17,18 और 19 के मछली मारने की...

वन माफिया जैसराम को झटका, मछली मारने का ठेका रद्द
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरSun, 20 Sep 2020 03:26 AM
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फर्जीवाड़ा कर तीन तालाबों में मछली मारने का ठेका लेने वाले माफिया जैसराम निषाद को वन विभाग ने बड़ा झटका दिया है। शनिवार को वित्त वर्ष 2019-20 में नीलाम किए गए लाट संख्या 17,18 और 19 के मछली मारने की नीलामी रद्द कर दी।

वहीं, उसकी पत्नी निर्मला देवी के नाम पर चलने वाली फर्म मेसर्स हरिओम टिम्बर एवं कमीशन एजेंट मूसाकार को काली सूची में डाल दिया है। डीएफओ अविनाश कुमार ने ‘हिन्दुस्तान को बताया कि वन एवं पर्यावरण को सुनियोजित ढंग से क्षति पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। विधि सम्मत हर संभव कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को दोनों ही ऑर्डर कर दिए गए हैं।

डीएफओ ने यह कदम इस खुलासे के बाद उठाया कि मत्स्य जीवी सहकारी समिति लिमिटेड ने गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज में वन विभाग के तालाबों में मछली मारने का ठेका लेने वाली समिति का सचिव माफिया जैसराम निषाद है। ‘हिन्दुस्तान ने 12 सितम्बर के अंक में ‘फर्जीवाड़ा कर लिया था मछली मारने का ठेका शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जैसराम के वन विभाग द्वारा काली सूची में डाले जाने एवं वन अपराध के दर्ज मुकदमों को छुपाकर नीलामी में हिस्सा लिया। इस खुलासे के बाद समिति के अध्यक्ष नाथूराम को कारण बताओं नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा गया था। लेकिन वे नोटिस लेने से ही इंकार करते रहे। इसलिए 11 सितम्बर को निकाली गई नोटिस पर जवाब के लिए विभाग को शनिवार तक इंतजार करना पड़ा।

कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के मूसाबार टोला बडुलिया निवासी समिति के सचिव जैसराम पर राजकीय वन क्षेत्र में अवैध कटान का आरोप है। 20 मार्च 2016 में ही तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी ने जंगल में अवैध कटान करने के कारण समिति के सचिव जैसराम को काली सूची में डाल दिया था। वन विभाग के अभिलेखों में जैसराम के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज मिले। काली सूची में डाले जाने को जैसराम निषाद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डाल चैलेंज किया था लेकिन अदालत ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया था। समिति के अध्यक्ष नाथूराम पर आरोप है कि समिति जैसराम के संगठित अपराध में अपरोक्ष रूप से मदद कर रही है।

इन दो आरा मशीन पर खपाई जाती हैं जंगल की लकड़ियां

वन विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ कि जैसराम निषाद का गिरोह मेसर्स हरिओम टिम्बर एवं कमीशन एजेंट मूसाबार के जरिए जंगल से काटी गई लकड़ियों को खपाता है। इस संस्था के खिलाफ भी एफआईआर 7 सितम्बर को कैम्पियरगंज थाने में दर्ज हुई थी। संस्था की प्रोपराइटर जैसराम निषाद की पत्नी निर्मला देवी को नोटिस देकर जवाब मांगा गया था जिस पर निर्मला ने एक सप्ताह का समय मांगा था। अवधि बीत जाने के बाद डीएफओ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए फर्म को काली सूची में डाल दिया है।

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