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पहली तक सभी प्रत्याशी महापौर की दौड़ में नम्बर वन

पहली दिसंबर तक सभी महापौर व पार्षद प्रत्याशी पहले नंबर पर हैं। वह खुद तो जीत के दावे कर ही रहे हैं, उनके समर्थक भी उन्हीं की भाषा बोल रहे हैं। इसके पीछे सभी के अपने तर्क भी हैं। हालांकि पार्कों से...

पहली तक सभी प्रत्याशी महापौर की दौड़ में नम्बर वन
कार्यालय संवाददाता, गोरखपुरThu, 23 Nov 2017 06:58 PM
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पहली दिसंबर तक सभी महापौर व पार्षद प्रत्याशी पहले नंबर पर हैं। वह खुद तो जीत के दावे कर ही रहे हैं, उनके समर्थक भी उन्हीं की भाषा बोल रहे हैं। इसके पीछे सभी के अपने तर्क भी हैं। हालांकि पार्कों से लेकर चाय पान की दुकानों को इस बारे में अलग-अलग चर्चाएं हैं। 

खास-खास
सभी प्रमुख प्रत्याशी जीत को लेकर बता रहे समीकरण
पार्कों से लेकर चाय पान की दुकानों तक परिणाम को लेकर चर्चा
सुबह सुबह प्रत्याशियों के घर पहुंचे समर्थकों ने दी रिपोर्ट

गुरुवार को सुबह जब सभी प्रमुख प्रत्याशी मैराथन चुनावी रेस में हिस्सा लेने के बाद घरों पर अपनी थकान मिटा रहे थे तभी अलग-अलग मतदान केन्द्रों से उनके समर्थक रिपोर्ट लेकर पहुंचने लगे। भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस सभी प्रत्याशियों के समर्थकों ने जो सूची दी, उसके अनुसार सभी जीत रहे हैं। प्रत्याशियों के यहां मौजूद सभी पार्टियों के पदाधिकारियों ने बताया कि पार्टी का बेस वोट ठीक से मिला है और प्रत्याशी के जुझारू व्यक्तित्व ने भी झमाझम वोट दिलाया है। ऐसे में पार्टी की जीत तय है। यह लोग जीत हार का गुणा गणित लगा चुके हैं और हर परिस्थिति में अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। 

चाय-पान की दुकानों पर भी परिणाम की चर्चा
गुरुवार को पार्कों से लेकर चाय पान की दुकानों पर भी परिणाम को लेकर ही चर्चांए रहीं। सुबह व्ही पार्क में टहलने आए अनिल सिंह, अजीत प्रताप सिंह, उदयवीर सिंह व जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जब तक मतगणना न हो जाए, कुछ कहना मुश्किल है मगर सत्ता पक्ष इस तरह के चुनावों में हमेशा बेहतर प्रदर्शन करता रहा है। इस बार भी इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पार्षद प्रत्याशियों के बारे में इनका कहना था कि कई मोहल्लों में प्रमुख पार्टियों को बागियों ने तगड़ी चुनौती दी है। दिग्गजों के वार्डों में यदि खेल बिगड़ा तो बागी ही इसके जिम्मेदार होंगे। सतीश सिंह का कहना था कि पहले निकाय चुनावों में अधिकांश पार्टियां भले ही प्रत्याशी खड़े करती थीं मगर सिंबल नहीं देती थीं। इस बार सिंबल पर चुनाव हुआ है, लिहाजा नतीजे भी पार्टियां प्रभावित कर सकती हैं।   

दलितों व माइनारिटी वोट तय करेंगे परिणाम
परिणाम पर चर्चा करते हुए कुछ लोगों का यह भी कहना था कि दलितों और माइनारिटी के वोट यदि एक जगह गए होंगे तो नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं। यह वोट यदि बंटे होंगे तो परिणाम अलग होंगे। इन वोटों को अपने-अपने पाले में करने की सभी दलों ने भरपूर कोशिश की है, इसलिए परिणाम पर भी इसका असर होगा।

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