एडीजी जोन का फेसबुक एकाउंट हैक करने वालों का सुराग नहीं
एडीजी जोन के सरकारी फेसबुक एकाउंट की फेक आईडी बनाकर रुपये मांगने वाले जालसाजों के बारे में साइबर थाने की टीम अभी कोई सुराग नहीं लगा पाई है। उधर, तीन दिन पूर्व जालसाजों ने एक चौकी इंचार्ज के भी फेसबुक...
एडीजी जोन के सरकारी फेसबुक एकाउंट की फेक आईडी बनाकर रुपये मांगने वाले जालसाजों के बारे में साइबर थाने की टीम अभी कोई सुराग नहीं लगा पाई है। उधर, तीन दिन पूर्व जालसाजों ने एक चौकी इंचार्ज के भी फेसबुक एकाउंट की फेक आईडी बनाकर लोगों से रुपये मांगने शुरू कर दिए हैं। चौकी इंचार्ज ने भी साइबर थाने पर तहरीर दी है। दूसरी ओर अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित फेसबुक के कर्मचारियों ने साइबर थाने की पुलिस द्वारा भेजे गए मेल का जवाब भी नहीं दिया है। जिससे घटना के करीब एक सप्ताह बाद भी साइबर टीम के हाथ खाली है। उसकी जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। हालांकि साइबर पुलिस उस गूगल या पेटीएम के खाते के नंबर व मोबाइल नंबर के सहारे जालसाजों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
बीते 22 जुलाई को एडीजी जोन दावा शेरपा के सरकारी फेसबुक एकांउट की फेक आईडी बनाकर जालसाजों ने रकम मांगना शुरू कर दिया था। इसी क्रम में रामगढ़ताल के फुलवरिया निवासी अभिनव प्रताप सिंह से भी पंद्रह हजार की मांग की थी। एक इतने बड़े अधिकारी के फेसबुक एकाउंट से रुपये मांगना अभिनव को खटका उन्होंने एसपी सिटी व एडीजी कार्यालय में शिकायत की। जिसके बाद एडीजी के निर्देश पर 22 जुलाई की रात में ही साइबर थाने में केस दर्ज हुआ था। साइबर थाने की टीम ने 23 जुलाई को फेसबुक कंपनी को मेल भेजकर जालसाज के बारे में कई जानकारी मांगी थी। मसलन किसने फेक आईडी बनाई, कहां से बनाई आदि। लेकिन एक सप्ताह बाद भी अभी कंपनी के ओर से मेल का कोई जवाब नहीं दिया गया है। उधर तीन दिन पूर्व जालसाजों ने झंगहा थाने के मोतीराम अड्डा चौकी इंचार्ज सूरज सिंह के भी फेसबुक एकाउंट की फेक आईडी बनाकर रकम मांगी जाने लगी। जिसके बाद उन्होंने साइबर थाने में शिकायत की है। जिसके बाद फेक आईडी को बंद कराया गया। इस संबंध में साइबर थाना प्रभारी विवेक मिश्रा ने बताया कि अभी फेसबुक की ओर से मेल का जवाब नहीं आया है। जांच की जा रही है। वहीं उनहोंने बताया कि चौकी इंचार्ज ने भी शिकायत की है।