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एनएचएम कर्मियों ने शुरू की बेमियादी हड़ताल, इलाज ठप

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) के कर्मचारियों ने सोमवार से बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया। कर्मचारियों के आंदोलन के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई। सरकारी स्कूलों में बच्चों के सेहत की जांच नहीं हुई।...

एनएचएम कर्मियों ने शुरू की बेमियादी हड़ताल, इलाज ठप
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरMon, 21 Jan 2019 08:38 PM
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) के कर्मचारियों ने सोमवार से बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया। कर्मचारियों के आंदोलन के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई। सरकारी स्कूलों में बच्चों के सेहत की जांच नहीं हुई। आयुष विंग पर ताला लटक गया। सीएचसी-पीएचसी पर भी इलाज ठप रहा।

हड़ताली स्वास्थ्य कर्मियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मी संघ के बैनर तले सीएमओ कार्यालय के समक्ष अपनी पांच सूत्री मांगो को लेकर धरना दिया। आंदोलनकारी कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की।

संघ के उपाध्‍यक्ष और आंदोलन की अगुआई कर रहे डॉ. आशीष त्रिपाठी ने कहा कि एनएचएम के संविदाकर्मी स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ हो गए हैं। दो दर्जन से अधिक योजनाएं संविदाकर्मियों के भरोसे संचालित हो रही हैं। प्रदेश सरकार ने चुनाव से पहले संविदाकर्मियों को नियमित करने का आश्वासन दिया है। इस पर कोई पहल नहीं ही गई। संविदाकर्मियों की लगातार उपेक्षा हो रही है।

समान काम के बदले समान वेतन मिलना चाहिए। सरकार सभी संविदा कर्मी को नियमित करें। हमारी सभी मांगे जब तक सरकार पूरी नहीं करेगी तक तब हमारा चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा।

नहीं हुई बच्चों की जांच, आयुष ओपीडी विंग पर लटका ताला

जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चों की सेहत की जांच के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) योजना संचालित की जा रही है। इसमें 38 टीमें रोजाना बच्चों के सेहत की जांच करती है। सोमवार को आरबीएसके टीम के डॉक्टर व कर्मचारी इलाज ठप कर आंदोलन पर चले गए। जिला अस्पताल के आयुष विंग में चलने वाली आयुर्वेद, होम्योपैथ, यूनानी और योग की ओपीडी नहीं संचालित हुई। यहां पर ताला लटका रहा। इस दौरान डॉ. अर्चना, डॉ. मुस्तफा खान, डॉ. संतोष, दुर्गेश, उपेन्द्र यादव मौजूद रहे।

यह है मांगे

- समान कार्य और समान वेतन व विशिष्ट सेवा नीति लागू हो

- आउटसोर्सिंग व ठेका प्रथा पर रोक लगे

- संविदाकर्मियों का स्थाई समायोजन व नवीन पद सृजन हो

- आशा कार्यकत्रियों को 10 हजार रुपए मानदेय मिले

- आरबीएसके मोबाइल एप को हटाया जाए

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