मार्च 2021 तक 300 एनएमजी कोच बनाएगा एनईआर
न्यू मॉडीफाइड गुड्स बोगियां बनाने में एनई रेलवे जल्द ही सबसे आगे निकल जाएगा। एनई रेलवे के सभी वर्कशॉप मार्च 2021 तक 300 एनएमजी का निर्माण करेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर और इज्जतनगर कारखानों में...
न्यू मॉडीफाइड गुड्स बोगियां बनाने में एनई रेलवे जल्द ही सबसे आगे निकल जाएगा। एनई रेलवे के सभी वर्कशॉप मार्च 2021 तक 300 एनएमजी का निर्माण करेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर और इज्जतनगर कारखानों में अभी तक न्यू माडिफाइड वैगन बन चुके हैं। जो देशभर की मालगाड़ियों के जरिये आटोमोबाइल्स ढो रहे हैं।
अभी गोरखपुर और बरेली वर्कशॉप लगातार कबाड़ हो चुकी बोगियों से एनएमजी कोच बना रहा है। उच्च गुणवत्ता का काम देख रेलवे बोर्ड ने पूरे एनई रेलवे को मार्च 2021 तक 300 एनएमजी बनाने का लक्ष्य दिया है। एक कबाड़ कोच से एनएमजी बनाने में रेल को 25 लाख रुपये की बचत होती है। अभी एनई रेलवे 43 करोड़ रुपये की बचत कर चुका है। इसके अलावा इन वैगनों से ऑटोमोबाइल्स की ढुलाई कर रेलवे अच्छी कमाई भी कर रहा है। दरअसल, न्यू मॉडिफाइड वैगन पुराने (परंपरागत) वैगनों की तुलना में बेहद सुरक्षित और गतिमान हैं। पुराने वैगन जहां अधिकतम 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौडती थीं, वहीं नए वाले की चाल 100 किमी प्रति घंटा है।
सहूलियत के लिए 20 वर्ष कर दी है कोचों की आयु
रेलवे बोर्ड ने न्यू माडिफाइड वैगन बनाने और आम यात्रियों को सहूलियत देने के लिए कोचों की आयु 25 से घटाकर 20 वर्ष कर दी है। अब रेलवे प्रशासन 20 वर्ष पुराने कोच को कंडम घोषित कर सकता है। हालांकि, आयु कम होने के बाद भी रेलवे को कंडम कोच नहीं मिल पा रहे हैं।