लोकार्पण के डेढ़ माह बाद भी गुलजार नहीं हुआ नौसढ़ बस अड्डा
नौसढ़ बस स्टेशन के लोकार्पण के डेढ़ महीने बाद भी यहां की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है। कहने को यहां से 100 से अधिक बसें संचालित हो रही हैं, लेकिन पूर्व की भांति यहां पर बाहर से ही इक्का-दुक्का बसें...
नौसढ़ बस स्टेशन के लोकार्पण के डेढ़ महीने बाद भी यहां की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है। कहने को यहां से 100 से अधिक बसें संचालित हो रही हैं, लेकिन पूर्व की भांति यहां पर बाहर से ही इक्का-दुक्का बसें सवारी भरकर रवाना हो जाती हैं। बस स्टेशन पर 10 से 15 कर्मचारी होने चाहिए लेकिन आठ कर्मचारियों के भरोसे ही इसका संचालन हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते तीन अगस्त को पांच करोड़ की लागत से तैयार बस अड्डे का लोकार्पण किया था। दावा था कि यहां से प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, दोहरीघाट, गोला सरीखे महत्वपूर्ण स्टेशनों के लिए बसें रवाना होंगी। बावजूद इसके बसें या तो कचहरी बस स्टेशन से रवाना हो रही हैं या फिर अस्थाई बस अड्डे पैडलेगंज से। उद्घाटन के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी यात्री मूलभूत सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं। अभी तक एक भी टिकट बुकिंग यात्रियों द्वारा नहीं कराई गई है। वहीं परिसर के अंदर बने कैंटीन का भी अभी तक शुभारंभ नहीं हो सका है।
कैंटीन न होने के बारे में यहां तैनात कर्मचारियों का कहना है कि कैंटीन के संचालन के लिए लंबी प्रक्रिया होती है। इसके संचालन की संस्तुति लखनऊ कार्यालय से मिलती है। सूचनाएं को देने के लिए एक दिव्यांग कर्मचारी की तैनाती भी की गई है।
स्टेशन के सामने नाले के लिए खोद दिया गड्ढा : रोडवेज बस स्टेशन के सामने ही नाला निर्माण के लिए जमीन खोदकर छोड़ दी गई है। इसके चलते परिसर के अंदर बसें नहीं जा पा रही है। सड़क पर ही बस खड़ी कर यात्री भरे जा रहे हैं। यात्रियों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इन जगहों के लिए होंगी बसें संचालित : नौसढ़ में पांच करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुए बस स्टेशन से कचहरी बस स्टेशन पर यात्रियों का दबाव कम होगा। नौसढ़ बस स्टेशन से प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, दोहरीघाट, मऊ, बलिया, गाजीपुर, बड़हलगंज आदि जगहों के लिए बसें रवाना होंगी। इन जगहों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को सहूलियत होगी। शहर में पैडलेगंज से नौसढ़ तक लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी।
यात्रियों का दर्द
बस स्टेशन के सामने ही एक सप्ताह से नाला खोदकर छोड़ दिया गया है। सड़क पर ही बस का इंजतार करना पड़ता है। परिसर के अंदर इंजतार करते समय बस बाहर से ही निकल जाती है।
- मयंक मिश्र, यात्री, खजनी
बस स्टेशन पर कोई सूचना प्रसारित नहीं होती है। यात्रियों को सूचना के लिए सभी काउंटरों पर भटकना पड़ता है। नाले का निर्माण तत्काल कराया जाना चाहिए जिससे यात्रियों को सुविधा मिल सके।
सरोज देवी, यात्री, बड़हलगंज
बोले जिम्मेदार
बस अड्डे के ठीक सामने नगर निगम द्वारा नाला निर्माण किया जा रहा है। इससे बसें अंदर नहीं जा पा रही हैं। कैंटीन के लिए टेंडर निकला है। इसकी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। सड़क खराब होने से एसी बसें कम चल रही है। बसें चलने लगें तो यहां बुकिंग काउंटर से टिकटों की बुकिंग शुरू होगी। दो शिफ्ट में आठ कर्मचारियों की तैनाती है।
मुकेश कुमार, एआरएम, राप्तीनगर डिपो