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कुशीनगर के राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं महात्मा बुद्ध का नाम

गोरखपुर. मुख्य संवाददाता महात्मा गौतम बुद्ध की नगरी कुशीनगर के राजस्व अभिलेखों में उनका नाम ही दर्ज नहीं है। हालांकि इस बात के सामने आने के बाद जिलाधिकारी कहते हैं कि शासन को इस बाबत प्रस्ताव भेजा...

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Kushinagar,GorakhpurSun, 18 Jun 2017 12:45 PM
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गोरखपुर. मुख्य संवाददाता

महात्मा गौतम बुद्ध की नगरी कुशीनगर के राजस्व अभिलेखों में उनका नाम ही दर्ज नहीं है। हालांकि इस बात के सामने आने के बाद जिलाधिकारी कहते हैं कि शासन को इस बाबत प्रस्ताव भेजा जाएगा।
भगवान बुद्ध की महा परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर जिले में है। दुनिया इस बात को जानती है। लेकिन महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर राजस्व अभिलेखों में यह आज भी विशुनपुर विंदवलिया के नाम से दर्ज है। सदियों पुराना इतिहास समेटे यह स्थली भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के समय मल्ल राज की राजधानी थी। पालि साहित्य के अनुसार अपने पूर्व जन्म में जब बुद्ध महा सुदर्शन नामक चक्रवर्ती सम्राट थे, तब यहीं उनकी राजधानी थी।

बड़ी प्रशासनिक चूक
पयर्टन की दृष्टि से महत्वपूर्ण यह स्थली इतिहास के पन्नों में बुद्ध काल से पूर्व जुड़ा सर्वाधिक महत्वपूर्ण अध्याय है। इसके बाद भी इसका नाम राजस्व अभिलेख में न जोड़ा जाना बड़ी प्रशासनिक चूक है। 

तीन गांव में बटा स्थल
तथागत से जुड़ी यह स्थली तीनों गांवों में बटी है। इस ऐतिहासिक स्थली के प्रमुख महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर मसलन लिह्न-सन्वियतनाम बुद्ध मंदिर, म्यांमार बुद्ध मंदिर, तिब्बती बुद्ध मंदिर आदि विशुनपुर विंदवलिया गांव का हिस्सा हैं। इसका दूसरा आधा हिस्सा माथा कुंवर बुद्ध मंदिर, बिरला मंदिर, शिव मंदिर, पथिक निवास आदि झुंगवा गांव में और रामाभार स्तूप अनिरुधवा में पड़ता है। 

 हर हाल में होगा दर्ज
‘‘यह मेरे संज्ञान में था ही नहीं। हर हाल में राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराया जाएगा।’’
राजेश पाण्डेय, सांसद

राजस्व मंत्री से करेंगे बात
‘‘ इसे राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए राजस्व मंत्री और पर्यटन मंत्री से मुलाकात कर बात करेंगे।’’
रजनीकांत मणि त्रिपाठी, विधायक कुशीनगर
 

शासन को भेजा जाएगा प्रस्ताव
‘‘यह शासन स्तर का मामला है। राजस्व अभिलेख में कुशीनगर का नाम अंकित कराने के लिए शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा।’’
आन्द्रा वामसी, जिलाधिकारी कुशीनगर

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