नगर निगम को नहीं मिले 23 करोड़ के निर्माण कार्यों के ठेकेदार
नगर निगम में पंजीकृत ठेकेदारों के अलावा बाहरी ठेकेदारों के प्रवेश के शासन के निर्णय से निगम प्रशासन ने राहत की सांस ली है। माना जा रहा है कि नया नियम लागू होने के बाद यहां जिन कार्यों के लिए ठेकेदार...
नगर निगम में पंजीकृत ठेकेदारों के अलावा बाहरी ठेकेदारों के प्रवेश के शासन के निर्णय से निगम प्रशासन ने राहत की सांस ली है। माना जा रहा है कि नया नियम लागू होने के बाद यहां जिन कार्यों के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे थे, वह काम भी अब पूरे होंगे। नगर निगम में बोर्ड फंड से निकाले गए करीब 23 करोड़ के काम के लिए कई सूचना के बाद भी ठेकेदार नहीं मिले।
शुक्रवार को शासन ने नया आदेश जारी किया कि अब नगर निगम व नगर पालिका व नगर पंचायतों में भी देश का कोई भी ठेकेदार निविदा डालकर काम करा सकता है। अब इन कार्यों पर केवल नगर निगम में पंजीकृत ठेकेदारों का ही कब्जा नहीं रहा। पिछले दिनों नगर निगम इसे लेकर बेहद परेशान था कि बोर्ड फंड के कार्यों के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे थे। नगर निगम के ठेकेदारों ने इन कार्यों के लिए टेंडर डालने से इनकार कर दिया था। ठेकेदारों का कहना था कि निगम के पास पैसे ही नहीं हैं कि इनका भुगतान करे। हालांकि नगर निगम सभी बकाये का भुगतान करने के आश्वासन काफी दिनों से देता है मगर छोटी पूंजी के ठेकेदारों पर इनका कोई असर नहीं था।
23 करोड़ के काम के लिए ठेकेदार नहीं मिलने से तमाम मोहल्लों में लोगों को दिक्कतें हो रही थी। दो से लेकर 15 लाख तक के सड़क, नाली व पुलिया नहीं बन पा रही थी। अब नए निर्देश के बाद तमाम ऐसे ठेकेदार भी आएंगे, जो बड़ी पूंजी वाले होंगे। छोटे मोटे काम करा देंगे।
बोले जिम्मेदार
पांच श्रेणियों में नगर निगम में 170 के आसपास ठेकेदार पंजीकृत हैं। नए निर्णय से ठेकेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। प्रतियोगिता बढ़ेगी तो काम मे तेज़ी भी आएगी। सभी फंड के काम तेज होंगे।
-सुरेश चंद्र, चीफ इंजीनियर