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मुकद्दस हज के सफर पर जाएंगे 339 गोरखपुरी

लखनऊ में सोमवार को निकाली गई लॉटरी के बाद गोरखपुर जिले से हज के मुक्कदस सफर के लिए 339 खुशनसीब चयनित हुए हैं। हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट्स पर ड्रा की सूचना आते ही लोगों के बीच एक-दूजे को बधाई देने...

मुकद्दस हज के सफर पर जाएंगे 339 गोरखपुरी
मुख्‍य संवाददाता ,गोरखपुर Tue, 23 Jan 2018 12:08 PM
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लखनऊ में सोमवार को निकाली गई लॉटरी के बाद गोरखपुर जिले से हज के मुक्कदस सफर के लिए 339 खुशनसीब चयनित हुए हैं। हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट्स पर ड्रा की सूचना आते ही लोगों के बीच एक-दूजे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। इन्हें यात्रा पर जाने के लिए किराए की पहली किश्त के रूप में 18 हजार रुपये हज कमेटी ऑफ इंडिया के खाते में जमा करने होंगे। 

2016 में गए थे 230 श्रद्धालु
2017 में गए थे 286 श्रद्धालु
2018 में जाएंगे 339 श्रद्धालु


इस साल हज पर जाने वाले यात्रियों का चयन लॉटरी पद्धति से हुआ। 145 कवर पर शहर के 339 लोगों का चयन हज की यात्रा के लिए किया गया। इस सूची में पहला नाम राजिक, दूसरा नसीरुद्दीन और तीसरा नाम काजिम अली का है। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने प्रदेश से 29 हजार 851 यात्रियों के जाने का कोटा तय किया था। प्रदेश भर से 40 हजार 239 महिला, पुरुषों ने आवेदन किए थे। इनमें से 2621 यात्री रिजर्व कैटेगरी के थे। इनके अलावा बिना मेहरम के हज पर जा रही 32 महिलाओं को भी लॉटरी से बाहर रखा गया।

बाकी बचे 27 हजार 198 आवेदकों की लॉटरी निकाली। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी संजय कुमार मिश्र ने बताया इस बार आवेदन फार्म आनलाइन भरे गए थे। हज कमेटी लखनऊ में हज फार्म जमा करने की अन्तिम तिथि भी 7 दिसंबर से बढ़ा कर 22 दिसम्बर कर दी गई थी। उन्होंने हज पर जाने के लिए चयनित लोगों को बधाई दी। 

पहले प्रयास में अल्लाह का मिला बुलावा
शाहमारूफ में व्यापारी 57 वर्षीय राजिक और उसकी पत्नी शबनम बानो खुशी से फूले नहीं समा रहीं। उनके घर पर बधाई देने के लिए पड़ोसी और रिश्तेदार पहुंच रहे हैं। गोरखपुर से हज जाने वालों की सूची में उनका नाम पहला है। पिपरापुर निवासी राजिक कहते हैं कि पहली बार आवेदन किया था, अल्लाह का करम था उन्होंने मुक्कदस हज के सफर के लिए चुन लिया।

मक्का मदीना में मिलेगा जियारत का मौका
बिजली निगम से सेवानिवृत होने के पश्चात माल्हनपार निवासी 74 वर्षीय नसीरुद्दीन हज जाने के लिए बेताब थे। कहते हैं कि इस बार अल्लाह ने उनकी पुकार सुन ही है। पत्नी शकीला खातून के साथ मक्का मदीना में जियारत का मौका मिला है। उन्होने बताया कि रिश्तेदार और पड़ोसियों में भी खुशी का आलम है।

बहन-बहनोई के साथ जाएंगे हज पर
सहजनवां मोहम्मदपुर के मूल निवासी काजिम अली अपनी पत्नी और बच्चों के साथ भिवंडी में रहते हैं। उन्होंने गोरखपुर से हज पर जाने के लिए आवेदन किया था, दूसरे प्रयास में उन्हें और उनकी पत्नी को हज पर जाने का अवसर मिला है। उन्होंने हिन्दुस्तान को फोन बताया कि उनके साथ बहन रेहाना और बहनोई निजामुद्दीन खान भी जाएंगी।

‘‘हज इस्लाम का आखिरी फरीजा है जिसे अल्लाह ने सन 9 हिजरी में फर्ज फरमाया। यह मालदारों पर फर्ज और वह भी जिंदगी में एक बार।’’
मुफ्ती अख्तर हुसैन

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