ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश गोरखपुरएमएमएमयूटी ने एमएनआईटी इलाहाबाद से संयुक्त शोध पर किया करार

एमएमएमयूटी ने एमएनआईटी इलाहाबाद से संयुक्त शोध पर किया करार

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद के बीच सोमवार को इलाहाबाद में एक समझौता करार हुआ। इसके तहत दोनों संस्थान संयुक्त शोध गतिविधयों से...

एमएमएमयूटी ने एमएनआईटी इलाहाबाद से संयुक्त शोध पर किया करार
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरTue, 27 Mar 2018 02:50 PM
ऐप पर पढ़ें

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद के बीच सोमवार को इलाहाबाद में एक समझौता करार हुआ। इसके तहत दोनों संस्थान संयुक्त शोध गतिविधयों से लेकर नवीनतम जानकारियां आदि शेयर करेंगे। मेमोरेण्डम ऑफ अण्डरस्टैण्डिंग (एमओयू) पर एमएमएमयूटी की ओर से कुलपति प्रो. एसएन सिंह व एमएनआईटी इलाहाबाद के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने हस्ताक्षर किया।

कुलपति प्रो. श्रीनिवास सिंह ने बताया कि करार पत्र के अनुसार संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रमों के विकास, अल्प अवधि हेतु संकाय सदस्यों एवं छात्रों के आदान प्रदान, संयुक्त शोध परियोजनाओं एवं प्रकाशन, तकनीकी बैठकों, अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशालाओं, सम्मेलनों, गोष्ठियों, संकाय विकास कार्यक्रमों आदि के संयुक्त आयोजन, संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के अलावा एमएमएमयूटी के मेधावी छात्रों के एमएनआईटी में शिक्षा एवं इण्टर्नशिप हेतु प्रोत्साहन तथा छात्रों के सेवायोजन एवं परामर्शिता परियोजनाओं की व्यवस्था होगी।

इसके तहत दोनों संस्थानों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के गुणवत्ता संवर्धन, अल्पकालिक या दीर्घकालिक प्रमाण-पत्र, पाठ्यक्रमों के आयोजन की भी व्यवस्था होगी। आधुनिक उद्योग, स्टार्टअप, स्किल इण्डिया, डिजिटल इण्डिया एवं सामुदायिक विकास के कार्यक्रमों में दोनों संस्थान मिलकर कार्य करेंगे। दोनों संस्थाओं में वीडियो सेटेलाइट लिंक स्थापित कर ई क्लासरूम, प्रयोगशाला, पाठ्यचर्या, शोध प्रयोगशालाओं की स्थापना, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन तथा पुस्तकालय सुविधा आदि से एमएमएमयूटी को लाभ मिलेगा।

दोनों संस्थाओं के बीच एमटेक एवं पीएचडी छात्रों के शोध प्रबन्धों के संयुक्त पर्यवेक्षण पर भी सहमति बनी है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रायोजित परियोजनाओं के संयुक्त क्रियान्वयन की भी व्यवस्था है। कुलपति ने बताया कि दोनों संस्थाओं के मध्य यह करार 5 वर्षों के लिए हुआ है, जिसे समीक्षा के बाद दोनों संस्थाओं की आपसी सहमति के आधार प 2 वर्षों के लिए आगे बढ़ाने की व्यवस्था है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें