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एमएमएमयूटी: डिमांड के हिसाब से तैयार करनी होगी प्रतिभाएं

उद्यमिता के लिए एक खास तरह का जुनून होना चाहिए। यह जुनून इंसान की अंतरआत्मा से उत्पन्न होता है। इक्कीसवीं सदी में खास तरह की कार्यशैली की डिमांड हो रही है। तरक्की के लिए यह बेहद जरूरी है। इस डिमांड...

एमएमएमयूटी: डिमांड के हिसाब से तैयार करनी होगी प्रतिभाएं
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरSun, 21 Oct 2018 07:46 PM
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उद्यमिता के लिए एक खास तरह का जुनून होना चाहिए। यह जुनून इंसान की अंतरआत्मा से उत्पन्न होता है। इक्कीसवीं सदी में खास तरह की कार्यशैली की डिमांड हो रही है। तरक्की के लिए यह बेहद जरूरी है। इस डिमांड को ध्यान में रखकर हमारी शिक्षा प्रणाली में बदलाव भी करने होंगे। शिक्षा की तकनीकी में बदलाव की भी जरूरत है। तरक्की में समाज की बराबरी भी भागीदारी भी तय करना नीति नियंताओं का काम होना चाहिए।

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रांगण में रविवार को अलग-अलग क्षेत्रों में बदलाव के संवाहक माने जा रहे पांच प्रमुख वक्ताओं ने यह बातें कहीं। गोरखपुर में पहली बार रविवार को आयोजित हुई ‘टेड-एक्स गोरखनाथ में आए हुए वक्ताओं ने अपने समाज में बदलाव के विचारों और मार्गदर्शन को विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया। अपने अनुभव बांटे और विद्यार्थियों व शिक्षकों का आह्वान किया कि डिमांड के हिसाब से प्रतिभाएं तैयार करें। टेड एक्स एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो विश्व भर में प्रेरक विचारों के विस्तार के लिए एक अभिन्न मंच है। इसके अंतर्गत समाज कल्याण एवं जागरूकता के लिए प्रसिद्ध लोग, जिन्होंने अपने विचारों से समाज में बदलाव लाया है, वे अपने अनुभवों को लोगों तक पहुंचाते हैं एवं बदलाव के माध्यम से रूबरू करवाते हैं।

विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट हाल में कुलपति प्रो. एसएन सिंह व विशिष्ट जनों की मौजूदगी में शशि पाठक ने टेड-एक्स गोरखनाथ के बैनर तले इस कार्यक्रम की शुरुआत करते प्रस्ताविकी रखी। जुनून को उद्यमिता का मूल मंत्र बताने वाले देव गढ़वी ने लोगों को जुनून व उद्यमिता के बारे में बताया। शरद कुमार ने इक्कीसवीं सदी की कार्यशैली एवं तरक्की के बारे में अपने विचार रखे। आज के भारत में गांधी के जीवन मूल्यों पर आधारित ‘हम भारत के लोग' विषय पर प्रसिद्ध विचारक राकेश दूबे ने आज के भारत और समाज को बराबरी की भागीदारी के बारे में सोचने पर मजबूर किया एवं पिछड़े वर्ग की बढ़ोतरी का आह्वान किया।

बिहार के गांवों में 400 गरीब बच्चों को पढ़ाकर आगे बढ़ाने वाले सूर्य प्रकाश राय ने बिहार अपने अनुभवों को बांटा और कहा कि विद्यार्थियों को डिमांड के हिसाब से तैयार करना होगा। अमर तुल्स्यन ने अपने देश व्यापी आंदोलन ' संपूर्ण स्वच्छता उत्पाद' के द्वारा जान कल्याण में किए गये अपने अनुभव को लोगों को बताया एवं इससे जुड़ने के लिए प्रेरित किया| कार्यक्रम का संचालन शशि पाठक ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. बृजेश कुमार, अर्चना पाठक, ऋषि त्रिपाठी, एकांश बाजपेई, तन्मय श्रीवास्तव, सौरभ राय एवं आशीष श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा।

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