भारत बंद का गोरखपुर-बस्ती मंडल में मिला-जुला असर
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्ण संगठनों के भारत बंद का गोरखपुर-बस्ती मंडल में मिलाजुला असर रहा। बंद का सबसे अधिक असर गोरखपुर शहर में देखने को मिला जहां गोलघर, टानहाल, बैंक रोड, बक्शीपुर,...
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्ण संगठनों के भारत बंद का गोरखपुर-बस्ती मंडल में मिलाजुला असर रहा। बंद का सबसे अधिक असर गोरखपुर शहर में देखने को मिला जहां गोलघर, टानहाल, बैंक रोड, बक्शीपुर, धर्मशाला बाजार जैसे प्रमुख बाजारों में करीब 20 प्रतिशत दुकानें बंद रहीं। राष्ट्रवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने बिना शर्ट के बनियाइन के ऊपर स्लोगन लिखे पर्चे लगाकर प्रदर्शन किया।
बंद समर्थकों के एक गुट ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल के रीड साहब धर्मशाला स्थित आवास पर लगी नाम की तख्ती पर मिट्टी पोतने की कोशिश की। शिक्षा विभाग के कार्यालयों में सन्नाटा दिखा। कुछ डाक्टरों और पेट्रोल पम्प मालिकों ने स्वत: स्फूर्त ढंग से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे थे। बंदी कराने निकले सवर्ण संगठनों के कार्यकर्ताओं पर सुबह से पुलिस की कड़ी नज़र थी। उनके साथ जुलूस में भारी पुलिस बल मौजूद था। पूरे दिन कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई।
गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में भी बंद समर्थकों ने जगह-जगह प्रदर्शन किए। बांसगांव तहसील क्षेत्र की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। कहा जा रहा है कि वहां लोग चाय-पान तक के लिए तरस गए। चौरीचौरा के सरदारनगर में युवकों के एक दल ने केंद्र सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया लेकिन बाजार की ज्यादातर दुकानें खुली रहीं। बंद समर्थकों ने कौड़ीराम में गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। गोला तहसील के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों से विरत रहते हुए नारेबाजी की और एसडीएम को पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा। बंद समर्थकों ने बड़हलगंज बस स्टेशन पर करीब आधा घंटा तक जाम लगाए रखा।
कुशीनगर- कुशीनगर से भी बंद के आंशिक असर की खबर है। वहां बंद समर्थकों ने जगह-जगह केंद्र सरकार के पुतले फूंके। तमकुहीराज में सड़क पर चक्का जाम कर विरोध जताया। तहसील क्षेत्र के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। पकड़ियार बाजार की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। बंद समर्थकों ने कलेक्ट्रेट पर शर्ट उतारकर प्रदर्शन किया।
देवरिया-देवरिया में भी बंद समर्थकों ने जगह-जगह प्रदर्शन किए लेकिन बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। संत विनोबा डिग्री कालेज के छात्रों ने प्रदर्शन किया और कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन दिया। अधिवक्ताओं ने भी प्रदर्शन किया।
बस्ती-बस्ती में बंद का मिला जुला असर रहा। सबसे ज्यादा असर छावनी इलाके में दिखा जहां ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। बंद समर्थकों ने जगह-जगह जुलूस निकालकर प्रदर्शन किए।
संतकबीरनगर-संतकबीरनगर में बंद समर्थकों ने जगह-जगह जुलूस निकालकर प्रदर्शन किए। बालूशासन में केंद्र सरकार का पुतला फूंका। बखिरा में जुलूस निकालकर दुकानें बंद कराईं। इसके बावजूद बंद का आंशिक असर देखा गया।
सिद्धार्थनगर-वकीलों ने न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए केंद्र सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया। बाद में उन्होंने डीएम को एक ज्ञापन भी दिया। बाजारों में बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला।
महराजगंज- महराजगंज में भी बंद बेअसर रहा। फरेंदा और अड्डा बाजार में कुछ दुकानें बंद जरूर रहीं लेकिन बंद आमतौर पर सांकेतिक ही रहा। बंद समर्थकों ने जुलूस निकालकर केंद्र सरकार पर जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन किया।
दर्जन भर संगठन रहे शामिल
भारत बंद के आह्वान पर दर्जन भर संगठनों ने सवर्ण समाज की ओर से बंद कराने की कोशिश की। इनमें सवर्ण उत्थान समिति, एसएलएफ व सवर्ण सेना, अखिल भारतीय स्वराज पार्टी सहित प्रमुख रूप से शामिल थे।
सोशल मीडिया का हुआ इस्तेमाल
वाट्सएप, फेसबुक और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्मों का बंद को सफल बनाने के लिए जमकर इस्तेमाल हुआ। अलग-अलग गु्रपों में संदेश प्रसारित कर बंद के लिए समर्थन जुटाने और सवर्णों को एकजुट करने की कोशिश की जाती रही।
बंद को लेकर पुलिस अलर्ट
भारत बंद के एलान को लेकर इस बार पुलिस काफी अलर्ट दिखी। शहर से लेकर देहात तक पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। अफसर लगातार गश्त कर बंद कराने वालों पर नज़र रखे रहे।