सीट छोड़िए, वेटिंग भी नसीब नहीं, ट्रेनों में पैर रखना भी मुश्किल
सचित्र वापसी में अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए खास इंतजाम, कैमरों से हो रही निगरानी
गोरखपुर, मुख्य संवाददाता छठ पर्व के तीन दिन बीत जाने के बाद भी ट्रेनों में यात्रियों की जबरदस्त भीड़ हो रही है। मारामारी इस कदर है कि ट्रेन में सीट तो छोड़िए, वेटिंग टिकट भी नसीब नहीं है। यह स्थिति बिहार से आकर गोरखपुर होते हुए जाने वाली लगभग सभी ट्रेनों में है।
दिल्ली और मुम्बई जाने वाली प्रमुख ट्रेनों में अगले तीन दिनों तक नो-रूम की स्थिति है। वैशाली, बिहार संपर्क क्रांति, सप्तक्रांति, सत्याग्रह जैसी ट्रेनों में सवार हो पाना किसी जंग से कम नहीं है। मुंबई, पुणे और अहमदाबाद जाने वाली ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिल रहा है। गोरखधाम एक्सप्रेस में अगले दो दिनों तक वेटिंग टिकट भी नहीं है। मुम्बई की ट्रेनों की भी स्थिति बेहद खराब है।
यात्रियों की सहूलियत के लिए स्टेशन परिसर में बनाए गए अस्थाई वेटिंग एरिया में 30 कैमरे लगाए गए हैं। सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि ट्रेन लेट होने की स्थिति में यात्रियों को इन्हीं वेटिंग एरिया में बैठाया जा रहा है। इससे यात्रियों को तो सहूलियत मिल ही रही है साथ ही प्लेटफार्म पर भी भीड़ कम हो रही है। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए स्टेशन प्रबंधन ने पैरामेडिकल और मेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की है। इसके साथ स्टेशन परिसर के बाहर एम्बुलेंस भी खड़ी करा दी गई है।
लाइन लगाकर यात्रियों को बैठाया
छठ के बाद सोमवार को भी गोरखधाम और कुशीनगर एक्सप्रेस में यात्रियों को लाइन लगाकर बैठाया गया। कहीं से कोई दिक्कत न हो इसको लेकर आरपीएफ और जीआरपी के जवानों के साथ ही वाणिज्य विभाग के कर्मचारी और चेकिंग स्टाफ मौजूद थे।
भीड़ नियंत्रण के लिए अफसरों की तैनाती
बांद्रा में यात्रियों के भगदड़ की घटना के बाद इस बार पूर्वोत्तर रेलवे पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। भीड़ पर अंकुश और मॉनीटरिंग के लिए इस बार एनईआर ने प्रमुख स्टेशनों पर 100 से अधिक क्लास-1 अफसरों की फौज उतार दी है। सभी सीनियर अफसरों को भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर तैनात कर दिया गया है।
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