Many Royal Empires and Centuries are in Prithvipal treasure in Gorakhpur तमाम रजवाड़े और सदियां धधकती हैैं पृथ्‍वीपाल के खजाने में , Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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तमाम रजवाड़े और सदियां धधकती हैैं पृथ्‍वीपाल के खजाने में

गोरखपुर के पृथ्वीपाल के खजाने में तमाम रजवाड़े और सदियां धड़कती हैं। उनके संग्रह में कई ऐसी मुद्राएं हैं जो अब लोगों के लिए अजूबे से कम नहीं हैं। उनके खजाने में मौजूद चांदी तांबे और एल्युमिनियम के कई...

उपेन्‍द्र ि‍द्विवेदी गोरखपुर Mon, 17 June 2019 04:27 PM
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तमाम रजवाड़े और सदियां धधकती हैैं पृथ्‍वीपाल के खजाने में

गोरखपुर के पृथ्वीपाल के खजाने में तमाम रजवाड़े और सदियां धड़कती हैं। उनके संग्रह में कई ऐसी मुद्राएं हैं जो अब लोगों के लिए अजूबे से कम नहीं हैं। उनके खजाने में मौजूद चांदी तांबे और एल्युमिनियम के कई तरह के सिक्के उस दौर का इतिहास और अर्थशास्त्र बयां कर रहे हैं। यहां गोरखपुरी यानी बुटवलिया सिक्कों के साथ ही राई, पाई, छदाम, दमड़ी, धेला, आना, पैसा और पुराना रुपया तो है ही, कई देशों की चलन से बाहर हो चुकी मुद्राएं भी हैं।

पृथ्वीपाल के पास मुगलकालीन से लेकर, जार्ज पंचम, एडवर्ड सप्तम, विक्टोरिया शासनकाल के नोट व सिक्के हैं। अंग्रेजी शासन काल के सिक्के वर्ष 1957 में बंद कर दिए गए। उस समय पृथ्वीपाल की उम्र करीब 12 वर्ष थी और वह पिपराइच स्थित को-आपरेटिव इंटर कॉलेज में सातवीं में पढ़ते थे। उस समय कुछ सिक्के उनके पास भी थे। बस, यहीं से उन्हें संग्रह का शौक लग गया। शुरुआत में घर, परिवार और रिश्तेदारों से मांगकर सिक्के जुटाते रहे। इंटर तक पहुंचते-पहुंचते उनका शौक पैशन बन चुका था।

वह बताते हैं कि एक बार उन्हें पता चला कि उनके एक रिश्तेदार के पास कुछ दुर्लभ सिक्के हैं। इस पर वह पिपराइच से पैदल ही करीब 20 किमी दूरी तय कर कप्तानगंज के पास उनके गांव पहुंच गए। कुछ सिक्के ऐसे भी हैं जिनके बारे में ज्यादा जानकारी उन्हें भी नहीं है।

गोरखपुर में संगम चौराहे के पास मानस विहार कॉलोनी में रहने वाले पृथवीपाल के शौक ने उनके पास एक बेजोड़ थाती बना दी है। मौजूदा समय में उनके पास 52 नोट और दो सौ से ज्यादा भारतीय और विदेशी सिक्के हैं।

पृथ्वीपाल के पास मुगलकालीन, जार्ज पंचम, एडवर्ड सप्तम, विक्टोरिया इम्प्रेस, विक्टोरिया क्वीन, ईस्ट इण्डिया कम्पनी आदि  के समय के सिक्के व नोट मौजूद हैं। यही नहीं 507 हिजरी से अब तक के सिक्के व नोट उनके संग्रह में शामिल हैं। ग्वालियर स्टेट, होल्कर सरकार, निजाम हैदराबाद के सिक्के भी उन्होंने सहेज कर रखे हैं। उनके पास दक्षिण अफ्रीका, चीन, हांगकांग, थाईलैंड, मलेशिया, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इटली, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, केन्या, बेल्जियम, नेपाल, ब्राजील, नीदरलैंड, भूटान, पाकिस्तान, श्रीलंका, संयुक्त राज अमीरात सहित करीब 50 देशों की पुरानी मुद्राएं हैं जो अब प्रचलन से बाहर हो गई हैं। 

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