लॉकडाउन में करें किचेन का मैनेजमेंट, लगे हाथ आईटीआर की पूरी कर लें तैयारी:VIDEO
कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश भर में लगे लॉकडाउन के बीच लोगों के लिए घरों में वक्त काटना मुश्किल हो रहा है। लेकिन बहुतेरे लोगों ने अपने इस समय का बेहतर मैनेजमेंट करना शुरू कर दिया है। गृहणियां...
कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश भर में लगे लॉकडाउन के बीच लोगों के लिए घरों में वक्त काटना मुश्किल हो रहा है। लेकिन बहुतेरे लोगों ने अपने इस समय का बेहतर मैनेजमेंट करना शुरू कर दिया है। गृहणियां इस वक्त को एक ऐसे अवसर के तौर पर देख रही है जब उनका मैनेजमेंट पूरे परिवार की सुरक्षा के काम आ रहा है। खासतौर पर किचेन में।
लॉकडाउन में बाजार बंद हैं। जाहिर है किचेन के लिए रोजमर्रा की खरीदारी मुश्किल है। ऊपर से सारा परिवार घर में है तो सबकी अपनी-अपनी फरमाईशें भी हैं। जाहिर है एक गृहणी के सामने चुनौती इस बात की है कि किचेन में उपलब्ध सामग्री का इस्तेमाल किस ढंग से किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा दिन तक परिवार के सदस्यों को नई खरीदारी के लिए लॉकडाउन में परेशान न होना पड़े और उनके स्वाद और पोषण का भी ख्याल रखा जा सके।
सो, दवा की दुकान चलाने वाली माधवी गुप्ता इस समय कम से कम संसाधनों में काम चला रही हैं। किचेन में खाना पकाना शुरू करने पहले वह सारे सामान तैयार कर लेती हैं ताकि गैस की बचत की जा सके। जल्दी से जल्दी खाना पकाकर गैस बंद कर देती। कोरोना से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोने के सुझाव पर अमल के लिए वह आरो के पानी की बचत कर रही हैं। इसके साथ ही वह इस बात पर बल दे रही हैं कि खानपान में तेल-घी का इस्तेमाल कम से कम हो। उबली चीजें ज्यादा प्रयोग में लाई जाएं। उन्होंने इसके दो फायदे भी बताए। पहला कि किेचेन में ये चीजें जल्दी खत्म नहीं होंगी। दूसरा कि लॉकडाउन की वजह से शारीरिक गतिविधियां कम हुई हैं, तेल-घी का भी कम इस्तेमाल होगा तो हाजमा और दिल दुरुस्त रहेगा। सब स्वस्थ रहेंगे।
गोरखपुर के सिविल लाइन्स क्षेत्र की पुनीता पांडेय बता रही हैं कि उन्होंने लॉकडाउन में आवश्यक सामग्रियों की खरीद के लिए मिली छूट के दौरान राजमा,काला चना, न्यूट्रीला, काबुली चना, मटर, बेसन आदि मंगा कर रख लिया। इसके साथ ही लौकी, बैंगन, नीबू, अरुई सहित ऐसी सब्जियां मंगाईं जो फ्रिज में चार से पांच दिन आराम से रह जाएं। फिलहाल वे सुबह परिवार के सदस्यों को नाश्ते में अंकुरित चना दे रही हैं। रोज अनाज बदलकर देती हैं ताकि किसी को बोरियत न हो। दूध के चक्कर में इधर-उधर परेशान रहने की बजाए घर में लेमन टी या ग्रीन टी ही पी जा रही है। बच्चों को पुनीता अंकुरित अनाज पर चाट मसाला और टमाटर काटकर दे देती हैं तो बच्चे खुश हो जाते हैं। कभी-कभी बेसन का चिल्ला भी बच्चों को बहुत भाता है।
घर से ही पूरी करें आईटीआर की तैयारी
आयकर अधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर पांडेय ने बताया कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से आईटीआर भरने की डेट बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है तो इस दौरान सभी को घर से अपनी तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि आईटीआर भरने में अक्सर टीडीएस मिसमैच होने की दिक्कत आती है। इसे चेक करना चाहिए और जहां कहीं (बैंक, इम्प्लायर या भुगतानकर्ता) से टीडीएस मिसमैच हो वहां फोन कर इसे अपलोड करा लेना चाहिए। यह सारा काम ऑनलाइन किया जा सकता है। कहीं बाहर निकलने या आने-जाने की जरूरत नहीं है।