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एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समृद्ध भारत की संकल्पना का प्रतीक मकर संक्रान्ति: योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मकर संक्रांति के इस पर्व को अलग-अलग राज्यों में स्थानीय तरीकों से मनाया जाता है। पर्व आयोजन के रूप भले ही भिन्न-भिन्न हों, पर यह सभी समरूप होकर ‘एक भारत-श्रेष्ठ...

एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समृद्ध भारत की संकल्पना का प्रतीक मकर संक्रान्ति: योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर मुख्य संवाददाता,गोरखपुर Wed, 15 Jan 2020 03:56 PM
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मकर संक्रांति के इस पर्व को अलग-अलग राज्यों में स्थानीय तरीकों से मनाया जाता है। पर्व आयोजन के रूप भले ही भिन्न-भिन्न हों, पर यह सभी समरूप होकर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समृद्ध भारत’की संकल्पना के प्रतीक बनते हैं। मकर संक्रान्ति पर्व के अवसर पर महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ की तपोभूमि गोरखपुर में एक मास तक चलने वाला ‘खिचड़ी मेला’ प्रारंभ हो चुका है। मंदिर परिसर में एक जनसमुद्र सा उमड़ा हुआ है। श्रद्धालुजन अपनी आस्था की खिचड़ी बाबा गोरखनाथ को अर्पित कर रहे हैं।


योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीटर हेंडल @myogiadityanath एवं @myogioffice से ट्वीट किया कि मकर संक्रान्ति (खिचड़ी) के अवसर पर शिवावतारी महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ को आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ाने देश विदेश से आए सभी श्रद्धालुजनों का मुख्यमंत्री ने हार्दिक अभिनंदन। उत्तरायण सूर्यदेव सभी के जीवन को ज्ञान और समृद्धि के प्रकाश से आलोकित करें एवं भगवान गोरक्षनाथ की कृपा बनी रहे। 


उन्होंने कहा कि व्रतों और पर्वों की हमारी लम्बी वैविध्यपूर्ण परम्परा में मकर संक्रान्ति (खिचड़ी) का विशिष्ट महत्त्व है। शिवावतारी महायोगी गुरु गोरक्षनाथ से प्रार्थना है कि यह पर्व हमारे राष्ट्रीय और सांस्कृतिक जीवन में समृद्धता लेकर आए। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधताओं की अनमोल विरासत में मकर संक्रान्ति का विशेष स्थान है। प्रकृति की यह परिवर्तनकारी परिघटना हमें प्रतिक्षण विश्वास दिलाती है कि असत्य और भ्रम का धूम्र और सकारात्मक कार्यों के प्रति उपेक्षावादी निष्क्रियता एक न एक दिन समाप्त अवश्य होती है। यह संक्रान्ति साफ संदेश देती है की खर मास बीत चुका है। कुहासे छंटने वाले हैं, प्राकृतिक रूप से जीवों की शीत निष्क्रियता समाप्त होने वाली है। शुभ कर्मों का पुनः आरंभ होने जा रहा है। प्रेम, करुणा और नवचैतन्य की भावना के साथ समाज पुनः सकारात्मकता की ओर उन्मुख है।
ऐसे बनती है बाबा गोरखनाथ के दरबार में सद्भावना की खिचड़ी
सीएम ने कहा कि सहकार के चूल्हे पर समरसता के पानी में जब पूरकता और आवलंबन का भाव पकता है। तब बाबा गोरखनाथ के दरबार की ‘सद्भावना खिचड़ी’ बनती है। मकर संक्रांति का पर्व प्रकृति द्वारा मानव समाज के लिए समता, आस्था एवं परिवर्तन की निरंतरता का संदेश है। गुरु गोरखनाथ मंदिर का खिचड़ी भोज इसी ईश्वरीय संदेश का सामाजिक संवाहक है। आस्था की पवित्र खिचड़ी का भोज समरस, बंधुत्व के बंधन को दृढ़ता प्रदान करता है। 


धरा के तमस के मर्दन का महोत्सव है मकर संक्रान्ति
जगत के पालक भगवान दिवाकर की सद्प्रवृति पोषक रश्मियों के आलोक से आलोकित धरा से तमस के मर्दन का महोत्सव है मकर संक्रांति। गुरु श्री गोरक्षनाथ जी की शिक्षाओं की प्रखर दीप्ति में कुचेष्टाओं, कुप्रवृत्तियों और कुरीतियों पर कुठाराघात का शंखनाद है मकर संक्रांति। वसुधैव कुटुंबकम का संदेश आत्मसात किये मकर संक्रान्ति (खिचड़ी) का महान पर्व, सम्पूर्ण चराचर जगत के उत्थान की कामना से पूरित 'प्रकृति का महाकाव्य' है। भगवान भाष्कर के उत्तरायण होने की यह प्रांजल बेला सम्पूर्ण मानवता को समरसता का संदेश देती है। 
 

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