10 गांवों से होकर गुजरेगा महराजगंज का बाईपास
महराजगंज में बाईपास निर्माण के लिए शासन की हरी झंडी मिलते ही जमीन अधिग्रहण को लेकर कवायद जल्द ही शुरू हो सकती है। इसके निर्माण में दस गांवों के सैकड़ों किसानों की जमीन पड़ेगी। आसपास के गांवों में...
महराजगंज में बाईपास निर्माण के लिए शासन की हरी झंडी मिलते ही जमीन अधिग्रहण को लेकर कवायद जल्द ही शुरू हो सकती है। इसके निर्माण में दस गांवों के सैकड़ों किसानों की जमीन पड़ेगी। आसपास के गांवों में मुआवजा व जमीन को लेकर बहस छिड़ गई है। ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट का करीब चार गुना व शहरी क्षेत्र में दो गुना तक मुआवजा मिल सकता है।
नगरीय क्षेत्र की आबादी दस हजार होने पर बाईपास का निर्माण कराया जा सकता है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार महराजगंज की जनसंख्या 33963 है। महराजगंज में बाईपास नहीं होने से यहां अक्सर जाम लग जाता है। लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2017-18 में राज्य सड़क निधि योजना के तहत बाईपास के निर्माण किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया।
एक नजर
कुल लंबाई- 6.5 किमी
कुल गांव- 10
कुल लागत- 58 करोड़
लेकिन फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। डिप्टी सीएम व लोक निर्माण विभाग मंत्री केशव प्रसाद मौर्य 30 जून 2019 को परतावल चौक पर एक कार्यक्रम में बाईपास देने की घोषणा की थी। उसके बाद 2019-20 में लोक निर्माण विभाग ने फिर स्टीमेट बनाकर भेजा। लेकिन बजट नहीं होने से शासन ने इसके निर्माण की अनुमति नहीं दी। जनप्रतिनिधियों की जोरदार पैरवी के बाद हाल ही में भूमि अधिग्रहण करने के लिए सहमति दे दी है।
प्रस्ताव के मुताबिक बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 730 किमी 501 महुअवा से निकलकर रमपुरवा किमी 508 तक प्रस्तावित है। इसकी लंबाई दो लेन विद पेब्ड शोल्डर प्रस्तावित है, जो साढ़े छह किमी तक है। इसमें करीब दस गांवों का खेत/जमीन पड़ेगा। इसके निर्माण में करीब 58 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। शासन ने प्रथम चरण में भूमि अधिग्रहण के लिए 39 करोड़ रुपये जारी करने की सहमति दे दी है।
इन गांवों से होकर गुजरेगा बाईपास
महुअवा, तरकुलवा, पिपरदेउरवा, बांसपार बैजौली, पड़री बुजुर्ग, सवना, सिसवा बाबू, मुजहना खुर्द, पिपरा बाबू रमपुरवा की भूमि अधिग्रहण की जाएगी।
‘‘बाईपास निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। इसी महीने में कार्रवाई शुरू होने की पूरी संभावना है। नियमानुसार प्रभावित किसानों को जमीन का मुआवजा मिलेगा।’’
सचिन कुमार, एक्सईएन-पीडब्ल्यूडी