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महराजगंज: सामूहिक विवाह में रीति-रिवाज से एक दूजे के हुए 208 जोड़े

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गुरुवार को गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिला। महराजगंज पीजी कालेज ग्राउंड पर आयोजित विवाह समारोह में एक ही पंडाल के नीचे अपने रीति रिवाज से 208 जोड़ों ने शादी रचाई।...

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महराजगंज हिन्दुस्तान टीम ,महराजगंज Thu, 14 Nov 2019 09:01 PM
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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गुरुवार को गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिला। महराजगंज पीजी कालेज ग्राउंड पर आयोजित विवाह समारोह में एक ही पंडाल के नीचे अपने रीति रिवाज से 208 जोड़ों ने शादी रचाई। जिले के प्रभारी मंत्री व खेलयुवा कल्याण व पंचायती राज मंत्री उपेंद्र तिवारी, सांसद पंकज चौधरी, विधायक प्रेमसागर पटेल, बजरंग बहादुर सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, डीएम डॉ. उज्ज्वल कुमार, सीडीओ पवन अग्रवाल समेत सैकड़ों लोग इस विवाह के साक्षी बने। 


सामूहिक विवाह में बृजमनगंज, मिठौरा, पनियरा, परतावल, सदर, फरेंदा ब्लाक क्षेत्र के व नगर निकाय महराजगंज के 258 जोड़ों ने विवाह के लिए पंजीकरण कराया था। लेकिन विवाह समारोह में 208 जोड़े ही शामिल हुए। शादी समारोह के लिए विभिन्न धर्म के लिए 47 वेदियां बनाई गईं थीं। प्रत्येक वेदी पर चार-चार जोड़ों की शादी एक साथ कराई गई। इसमें सनातन धर्म से 132 जोड़ों, इस्लाम धर्म से आठ, बौद्ध धर्म से 68 जोड़ों की शादी रचाई गई।
- 21 नवंबर को लक्ष्मीपुर ब्लाक कार्यालय पर सामूहिक विवाह होगा।


- 24 नवंबर को निचलौल क्षेत्र का राष्ट्रीय इंटर कालेज बाली में सामूहिक विवाह होगा
हिन्दू धर्म की शादी पंडित कृष्णनंद त्रिपाठी, शशांक पांडेय,रामनिवास पांडे, अखिलेश्वर तिवारी,सर्वेश्वर तिवारी ने वैदिक मंत्रों के साथ कराया। बौद्ध धर्म की शादी रामचंद्र बौद्ध ने बौद्ध रीति रिवाज से कराया। इस्लाम धर्म की शादी मौलानाओं ने कराई। शादी समारोह में बराती और घरातियों के खानपान की भी व्यवस्था रही। इस दौरान मुख्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी ने मंच से ही दस जोड़ों को पायल व बिछिया देकर विदा किया। कार्यक्रम का संचालन डीआईओएस अशोक कुमार सिंह ने किया। 


गर्भ के बच्चे से लेकर श्मशान तक की चिंता कर रही सरकार 
जिले के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा कि पांच साल में वे कार्य हुए जो 66 वर्षों में नहीं हो सके थे। भाजपा सरकार गरीबों, मजलूमों व किसानों की सरकार है। इनके कल्याण के लिए दर्जनों योजनाएं चलाई। मां के गर्भ से लेकर पढ़ाई, लिखाई, नौकरी व श्माशन तक की चिंता किसी ने की तो वह भाजपा सरकार ने की। कहा कि अब कोई ऐसा गरीब नहीं होगा जिसे अपनी बिटिया की शादी के लिए साहूकार से कर्ज लेना पड़े, खेत व जेवर गिरवी रखना पड़े। विवाह का पूरा खर्च सरकारी उठा रही है। प्रत्येक जोड़े के विवाह में कुल 51 हजार रुपये सरकार दे रही है। इसमें 35 हजार रुपये लड़की पक्ष को दिया जा रहा है। दस हजार की सामग्री व छह हजार बरातियों व घरातियों के खान-पान, टेंट आदि पर खर्च किया जा रहा है।

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