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देखिए, लोहिया एनक्लेव में आपका फ्लैट बिक तो नहीं गया

देवरिया बाईपास पर जीडीए की आवासीय योजना लोहिया एनक्लेव के खाली फ्लैट जालसाजों के लिए कमाई का जरिया बन रहे हैं। जालसाजों ने आधा दर्जन फ्लैट का फर्जी आवंटन लेटर दिखाकर एडवांस के नाम पर कई लाख की वसूली...

देखिए, लोहिया एनक्लेव में आपका फ्लैट बिक तो नहीं गया
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरTue, 06 Aug 2019 03:05 AM
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देवरिया बाईपास पर जीडीए की आवासीय योजना लोहिया एनक्लेव के खाली फ्लैट जालसाजों के लिए कमाई का जरिया बन रहे हैं। जालसाजों ने आधा दर्जन फ्लैट का फर्जी आवंटन लेटर दिखाकर एडवांस के नाम पर कई लाख की वसूली भी कर ली है। मामला पुलिस तक पहुंचा तो आवंटी से लेकर ठेकेदार और जीडीए के जिम्मेदारों के होश उड़े हुए हैं। आवंटियों में सूचना पहुंची तो वह अपने फ्लैट को देखने पहुंच रहे हैं।

जीडीए फेज थ्री के ठेकेदार वीरेन्द्र शुक्ला पिछले दिनों तब मुश्किल में फंस गए जब कैंट थाने की पुलिस फर्जी तरीके से फ्लैट बेचने का मामला लेकर पूछताछ को पहुंची। पुलिस का आरोप था कि फेज एक के ब्लाक 31 के फ्लैट नंबर 103 को ठेकेदार के चौकीदार ने एक व्यक्ति को दिखाया। पुलिस ठेकेदार को थाने लाना चाहती थी लेकिन विरोध के चलते ऐसा नहीं कर सकी। ऐसी ही शिकायत एक और ठेकेदार की है। ठेकेदार ने जिस ब्लाक की निर्माण किया है कि उसमें तीन फ्लैट को ठगों ने एडवांस ले लिया है।

ठेकेदार वीरेन्द्र शुक्ला ने बताया कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान एक आवंटन लेटर भी दिखाया जिसे जीडीए द्वारा जारी बताया जा रहा था। लेकिन यह आवंटन लेटर पूरी तरह फर्जी लग रहा था। जालसाज ने विश्वास जीतने के लिए लेटर दिखाया था। पुलिस मामले में कुछ बोल तो नहीं रही है लेकिन ठेकेदारों की शिकायत से साफ है कि करीब आधा दर्जन फ्लैट को दिखाकर जालसाजों ने करीब 10 लाख रुपये एडवांस ले लिया है।

जीडीए वीसी से लेकर सीई से शिकायत

दो ठेकेदारों ने जीडीए के जिम्मेदार अधिकारियों से इस बावत शिकायत की है। ठेकेदार वीरेन्द्र शुक्ला ने पत्र में लिखा है कि फ्लैट का निर्माण दिसम्बर में ही पूरा हो गया है। लेकिन हैंडओवर नहीं लिया जा रहा है। अब कोई दूर से फ्लैट दिखाकर फर्जी तरीके से सौदा कर लिया जाता है तो ठेकेदार क्या कर सकता है।

आवंटी को जरूरतमंद बताकर कर रहे सौदा

जालसाज फर्जी आवंटन लेटर दिखाकर ठगी कर रहे हैं। आवंटी को बीमार बताकर जरूरतमंद बताया जा रहा है। जिस थ्री बीएचके का सौदा हुआ है उसका दाम सिर्फ 25 लाख बताया गया था। दलील दी गई कि आवंटी बीमार है, रुपये की जरूरत के चलते औने-पौने दाम पर फ्लैट को बेचना चाह रहे हैं। दो लाख का एडवांस लेने के बाद सप्ताह भर बाद रजिस्ट्री का भरोसा दिया गया। रजिस्ट्री नहीं होने से मामला पुलिस तक पहुंचा था।

एनजीटी के पेच के चलते नहीं मिल रहा कब्जा

लोहिया एन्क्लेव में करीब 500 फ्लैट बन कर तैयार है। जिनमें से करीब 400 फ्लैट का आवंटन भी हो चुका है, लेकिन एनजीटी के 50 मीटर के पेच के चलते फ्लैट पर कब्जे की कार्यवाही नहीं हो पा रही है। योजना घटिया निर्माण को लेकर भी चर्चा में है। नगर विधायक इस मामले को विधानसभा में भी उठा चुके हैं।

मामले में शिकायत मिली थी। इसके बाद मौके पर जाकर जांच की गई थी। शिकायत कर्ता ने लिखित शिकायत नहीं की, जिससे मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका। लिखित शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।

रवि राय, कैंट इंस्पेक्टर

फ्लैट की खरीद-बिक्री से पहले लोगों को जीडीए से अवश्य संपर्क करना चाहिए। कोई फ्लैट आधे से कम कीमत पर बेचने की बात करता है तो जीडीए के साथ पुलिस को सूचित करें।

एमके मिश्रा, कार्यवाहक सचिव, जीडीए

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