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खिचड़ी मेले में खजला की है सर्वाधिक डिमाण्ड

गोरखनाथ खिचड़ी मेला में आने वाला हर श्रद्धालु मंदिर के प्रवेश द्वार पर सजी दुकानों पर खजलों को जरुर निहारता है। बाबा के दर्शन करने के बाद वह मेला का आनन्द तो उठाता ही है। खजला खरीदकर खाने और घर ले...

खिचड़ी मेले में खजला की है सर्वाधिक डिमाण्ड
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरMon, 15 Jan 2018 08:40 PM
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गोरखनाथ खिचड़ी मेला में आने वाला हर श्रद्धालु मंदिर के प्रवेश द्वार पर सजी दुकानों पर खजलों को जरुर निहारता है। बाबा के दर्शन करने के बाद वह मेला का आनन्द तो उठाता ही है। खजला खरीदकर खाने और घर ले जाने के लिए भी लालायित रहता है। तीन प्रकार के खजलों में सर्वाधिक डिमाण्ड खोए वाले खजले की है। 200 रुपए प्रति किलो बिकने वाले इस खजले का जायका बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक उठा रहे हैं।

खिचड़ी मेले में गोरखनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला अलसुबह से लेकर देर शाम तक जारी रहा। सोमवार को भी बड़ी संख्या में पहुंचे महिला, पुरुष, बच्चों ने घरेलू, श्रृंगार, खिलौने, गुब्बारे, चाट- पकौड़े, जूते, चाभी रिंग की खरीदारी की। युवाओं को विभिन्न प्रकार के झूलों पर बैठकर रोमांच का अनुभव करने में सर्वाधिक आनन्द आया। मेले में आने वाला हर व्यक्ति करीने से सजी खजले की दुकानों की ओर आकर्षित हो रहा है। छनते , टंगे और लाल व हरे रंग में पपीते की चेरी लगा खोए वाला खजला सबको पसंद आ रहा है।

मेले में दर्जन भर से अधिक दुकानें खजला की हैं। ताजे ताजे छनते हुए खजले, कारीगरों द्वारा तैयार किए जा रहे खोए का खजला देखकर किसी के मुंह में भी पानी आ जा रहा है। ज्यादातर दुकान कानपुर, सिकन्दरा, बुलन्दशहर से आए दुकानदारों की हैं। दिल्ली के बुद्ध बिहार निवासी तथा न्यू हरिद्वार खजला एवं हलुवा पराठा भण्डार के मालिक राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि मेले में तीन तरह के खजले बनाए जाते हैं जिसमें नमकीन वाला 50 रुपए पीस, मीठा खजला 160 रुपए तथा खोए वाला खजला 200 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। इसे बनाने वाले सभी कारीगर भी दिल्ली व आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं।

गोरखपुर के अलावा वह देवाशरीफ बाराबंकी, बुलन्दशहर में होली के समय लगने वाले जय सिंह लाला मेला में भी जाते हैं। उन्होंने बताया कि गोरखनाथ मेले में खजला बेचना फायदे का सौदा होता है क्योंकि इसे पंसद करने वाले भी खूब हैं। इटावा निवासी जय मां दुर्गा खजला एवं मिष्ठान सेन्टर के मधुर कुमार ने बताया कि वह लगातार 28 साल से यहां आ रहे हैं। गोरखनाथ बाबा की कृपा से हर साल यहां व्यापार मुनाफे का सौदा साबित होता है।

दर्शकों को खूब लुभा रहा मौत का कुआं

मेले में सोनी मारुति कार सर्कस (मौत का कुआं) को देखने के लिए युवाओं की भीड़ उमड़ रही है। दिल्ली निवासी संचालक अशरफ के नेतृत्व में छह युवा जब बाइक व कार में सवार होकर एक साथ स्टंट करते हैं तो देखने वाले रोमांच से भर उठते हैं। हाथ छोड़कर तेज गति में बाइक चलाना, किसी दर्शक के हाथ से लहराते नोट को लेना, आंख में पट्टी बांधकर बाइक चलाना, कार की खिड़की से बाहर निकलकर चलाना, एक साथ बाइक व कार दोनो का चलना, दो कारों के चालकों का एक साथ चलते हुए हाथ मिलाकर चलना सभी को आश्चर्यचकित करता है। संचालक बताते हैं कि बाइक राइडर जियाउल छोटू, राजू, हरिओम तथा कार चालक खुर्शीद खान और गफूर रोजाना अभ्यास करते हुए यह स्टन्ट करते हैं। गोरखनाथ मंदिर में यह उनका लगातार 13 वां साल है। यहां आकर मंदिर की कृपा से हमारी भी दाल रोटी चल जाती है।

बच्चों से लेकर बड़े तक ले रहे झूलों का आनन्द

मेले में ज्वाइन्ट ह्वील, ब्रेक डांस झूला, ड्रेगन, बड़ी नांव, आक्टोपस, मिनी ट्रेन, सोलम्बो, टोरा-टोरा झूले पर बैठकर सभी खूब आनन्द ले रहे हैं। बच्चों की पंसद मिक्की माउस, मिनी ट्रेन है। 10, 20, 30 रुपये में झूले में सवार होने के बाद सबका अनुभव अलग -अलग है। फोटो स्टूडियों पर पहुंचने वालों में सबसे अधिक संख्या जोड़ों की है। वह कार, बाइक, फूलों के गुलदस्तों के बीच बैठक फोटो खीचा रहे हैं। काला जादू के खेल को देखने में बच्चें ही आगे हैं। जादूगर विजय कुमार ने बताया कि ठंड से इस बार दर्शक कम आए हैं। इससे व्यवसाय प्रभावित हुआ है। फर्रुखाबाद से आनन्द गन शूटिंग के अनिल ने बताया कि वह पहली बार यहां आए हैं। मेले में बहुत अच्छी व्यवस्था हुई है। चावल के दाने पर नाम लिखने वाले ग्वालियर से आए मोनू ने बताया कि ठंड के बावजूद मेले में आए लोगों ने दाने पर नाम लिखवाया।

श्रद्धालुओं को कराया खिचड़ी भोज

मकर संक्रांति के अवसर पर गुरुवार को विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों मेले में आए श्रद्धालुओं को खिचड़ी खिलाई। श्री श्याम प्रभु एवं श्री राणी सती दादी ट्रस्ट की ओर से दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने स्टॉल लगाया गया। संयोजिका रीता अग्रवाल के नेतृत्व में देर शाम तक हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसमें संरक्षक मुराली लाल बंका, रवि प्रकाश गोयल, राजीव धनुका, शंकर लाल खाटू, विजय खेमक, जया, स्वाति, निशा, उषा खाटूवाला आदि ने सहयोग किया। प्रयास एक परिवर्तन संस्था से जुड़े पदाधिकारियों ने गोरखनाथ मंदिर जाने और आने वाले को झूलेलाल मंदिर के पास दोने में खिचड़ी प्रसाद बांटा।

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