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जमीन पर जूस सस्ता, आसमान में महंगा.. अब नहीं चलेगा

फ्लाइट में यात्रियों को परोसे जाने वाले खाद्य-पेय पदार्थों की कीमत बाजार के मुकाबले चार गुनी वसूली जा रही है। कानून की धज्जियां उड़ाकर कंपनियां अब उपभोक्ताओं की जेब नहीं काट पाएंगी। गोरखपुर के एक सजग...

जमीन पर जूस सस्ता, आसमान में महंगा.. अब नहीं चलेगा
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरFri, 18 Sep 2020 03:15 AM
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फ्लाइट में यात्रियों को परोसे जाने वाले खाद्य-पेय पदार्थों की कीमत बाजार के मुकाबले चार गुनी वसूली जा रही है। कानून की धज्जियां उड़ाकर कंपनियां अब उपभोक्ताओं की जेब नहीं काट पाएंगी। गोरखपुर के एक सजग कारोबारी की आरटीआई पर केंद्र सरकार ने यह साफ किया है कि 2017 में ही उपभोक्ता कानून में संशोधन कर इसे कार्रवाई के दायरे में लाया जा चुका है। इतना ही नहीं केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बाट माप विभाग को दोनों कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए हैं।

शहर के सिनेमा रोड पर रहने वाले कारोबारी आनंद रुंगटा को हवाई यात्रा के दौरान 30 रुपये में बिकने वाले जूस के लिए 120 रुपये अदा करना ऐसा खटका कि उन्होंने यह मुनाफाखोरी बंद कराने की ठान ली। उन्होंने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से जानकारी मांगी सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछा कि क्या देश के अंदर एक कंपनी के एक ही उत्पाद की समान वजन में अलग अलग एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से बिक्री के लिए बनाने, पैक करने या आयात करने की छूट दी गई है? इस पर सरकार की ओर से जवाब आया कि जून, 2017 में ऐक्ट (विधिक मापिकी) में संशोधन हो जाने के बाद ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। समान मात्रा के एक उत्पाद की अलग-अगम कीमतें नहीं हो सकतीं।

दोबारा प्रमाण के साथ केंद्र को लिखा पत्र

यह जवाब आने के बाद श्री रूंगटा ने फ्लाइट में पेपरबोट के 100 एमएल जूस की कीमत 120 रुपये और ठीक उसी जूस की कीमत बाजार में 30 रुपये होने के प्रमाण के साथ दोबारा केन्द्र को पत्र भेजा। उन्होंने कीमतों में इस तरह की मनमानी पर रोक लगाने के साथ ही कार्रवाई का भी अनुरोध किया। श्री रूंगटा के पत्र का संज्ञान लेते हुए मंत्रालय की ओर से गोरखपुर बाट माप विभाग को इस सम्बंध में कार्रवाई करने के लिए पत्र आया।

केंद्र ने दिए कार्रवाई के निर्देश

वरिष्ठ बाट माप निरीक्षक अजय कुशवाहा ने बताया कि केंद्र की तरफ से दो कंपनियों पर कार्रवाई के लिए स्पष्ट निर्देश आए हैं। निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर एक उत्पादक अपने एक ही उत्पाद (वजन , प्रकृति, क्वालिटी) पर दो अलग-अलग मूल्य अंकित करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें।

बोले जिम्मेदार

केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय का निर्देश मिलने के बाद दोनों कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। अगर एक सप्ताह में जवाब नहीं आता है तो एक बार रिमाइंडर भेजा जाएगा। इसके बाद भी जवाब न आने पर लीगल एक्शन लिया जाएगा।

-अजय कुशवाहा, वरिष्ठ बाट माप निरीक्षक

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