पुल की मांग को लेकर असनहरा घाट पर शुरू हुआ जल सत्याग्रह
असनहरा घाट पर पुल की मांग को लेकर असनहरा वासियों का आन्दोलन मंगलवार को और उग्र हो गया। 49वें दिन भी सैकड़ों ग्रामीणों ने नदी में लाठी-डंडा के साथ खड़े होकर जल सत्याग्रह किया। शासन-प्रशासन के विरोध में...
असनहरा घाट पर पुल की मांग को लेकर असनहरा वासियों का आन्दोलन मंगलवार को और उग्र हो गया। 49वें दिन भी सैकड़ों ग्रामीणों ने नदी में लाठी-डंडा के साथ खड़े होकर जल सत्याग्रह किया। शासन-प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की।
असनहरा घाट पर पुल की मांग को लेकर एक अगस्त को ग्रामीणों ने आन्दोलन शुरू किया था। प्रशासनिक उपेक्षा के चलते आन्दोलन दिन-ब-दिन बढ़ता गया। कई अनशनकारियों की हालत बिगड़ी भी। इसमें से एक आन्दोलनकारी देवीशरण की 14 सितम्बर को बस्ती जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसके बाद आन्दोलन और उग्र हो गया। साथी की मौत से गम और गुस्से में ग्रामीणों ने बगैर पुल के आन्दोलन नहीं समाप्त करने का संकल्प लिया।
आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे शैलेश कुमार राजभर ने कहा कि यह आन्दोलन तब तक बंद नहीं होगा जब तक पुल का निर्माण शुरू नहीं हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन तरह तरह का झूठा तर्क गढ़ रहा है। ग्रामीणों को गुमराह किया जा रहा है। अधिकारियों की उदासीनता के चलते पुल का निर्माण अटका है। इस अवसर पर राममिलन, रामदीन राजभर, सुखराम, रामतिलक, कोमल, रामसुमिरन, रामसूरत, केवला देवी, शोभा देवी, प्रियंका, शोभा, दीपनरायन, नेबूलाल, रामभजन, अनारा देवी, रामकेश, करमावती, सुदामा देवी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।