गोरखपुर में भी विवादों से रहा जेलर यूपी सिंह का नाता
बागपत जेल के जेलर यूपी सिंह का विवादों से नाता रहा है। गोरखपुर जेल में वे शराब और कबाब की दुकान चलवाते थे। यूपी सिंह के राज में जेल में पैसे के बदले बंदियों के लिए हर सामान उपलब्ध था। यही वजह थी कि...
बागपत जेल के जेलर यूपी सिंह का विवादों से नाता रहा है। गोरखपुर जेल में वे शराब और कबाब की दुकान चलवाते थे। यूपी सिंह के राज में जेल में पैसे के बदले बंदियों के लिए हर सामान उपलब्ध था। यही वजह थी कि उन्हें यहां से सस्पेंड होकर जाना पड़ा था।
जेल के अंदर बंदियों का बैरक बदलने से लेकर खाने-पीने और मोबाइल से बात करने तक की छूट यूपी सिंह के कार्यकाल में पैसे पर मिलती थी। डीआईजी जेल की रिपोर्ट पर गोरखपुर जेल से उन्हें सस्पेंड किया गया था। बताया जा रहा है कि उनके आदतों में यहां से जाने के बाद भी सुधार नहीं हुआ और यहां से हमीरपुर गए वहां भी सस्पेंड हुए उसके बाद बागपत जेल की कहानी तो अब सबके सामने है।
गोरखपुर जेल में बंदियों के बवाल के बाद नवम्बर 2016 में यूपी सिंह की जेलर के रूप में तैनाती हुई थी। वह पांच महीने रहे और इस दौरान इतने बदनाम हो गए कि अप्रैल 2017 को उन्हें सस्पेंड कर यहां से हटाया गया। मटन, शराब और गुटके की जेल में दुकान लगाते थे। उन्होंने बंदियों को पैसे के बदले सबकुछ मुहैया करानी शुरू कर दी थी।
इसकी शिकायत शासन में हुई। डीजीआई यादवेन्द्र शुक्ला ने चेक किया तो जेल में उनके समय में मोबाइल भी बरामद हुआ था। डीआईजी की रिपोर्ट के बाद गोरखपुर जेल से वे सस्पेंड हुए। बहाल होने के बाद हमीरपुर जेल में उनकों नई तैनाती मिली लेकिन यूपी सिंह की आदत में सुधार नहीं हुआ और गोरखपुर जैसे वहां भी उन्होंने जेल के अंदर अपना धंधा जमा लिया यही वजह था कि वहां से भी शासन ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
इसके बाद उन्हें बागपत जेल की कमान मिली थी। बताया जा रहा है कि यूपी की जेल के अंदर की दुकान इस कदर बदनाम थी कि बदमाशों को असलहा ले जाने के लिए यहीं से रास्ता भी मिल गया होगा।