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5 अगस्त के बाद योगी आदित्यनाथ छोड़ेंगे सांसदी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसद सदस्य पद से इस्तीफा देने का समय आ गया। 5 अगस्त को वे उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करेंगे। इसके बाद उनके इस्तीफे का एलान कभी भी हो सकता है। सोमवार 17 जुलाई को...

5 अगस्त के बाद योगी आदित्यनाथ छोड़ेंगे सांसदी
राजीव दत्त पाण्डेय,गोरखपुरWed, 19 Jul 2017 08:15 AM
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसद सदस्य पद से इस्तीफा देने का समय आ गया। 5 अगस्त को वे उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करेंगे। इसके बाद उनके इस्तीफे का एलान कभी भी हो सकता है। सोमवार 17 जुलाई को उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया। हालांकि उन्हें 19 सितम्बर के पहले विधानसभा या विधान परिषद पहुंचना होगा।

योगी ने 19 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सीएम बने रहने के लिए छह महीने के भीतर उनका एमएलए या एमएलसी बनना जरूरी है। इस मियाद में बमुश्किल दो महीने बाकी हैं। चूंकि अब वह सीएम हैं इसलिए उन्हें सांसद पद छोड़ना पड़ेगा। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव तक के लिए संसद सदस्य बनाए रखने का फैसला किया था।

ऐसा इसलिए किया गया कि दोनों ही चुनावों में एक-एक वोट का काफी महत्व होता है। राष्ट्रपति चुनाव में तो कुछ ज्यादा ही महत्व रखता है। एक चुनाव हो गया। दूसरा भी जल्दी होने वाला है। इसलिए अब इस्तीफा देने का रास्ता साफ होने जा रहा है।

खास-खास

उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद कभी भी इस्तीफा दे सकते  हैं
19 मार्च को योगी ने ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ
6 महीने में उनका एमएलए या एमएलसी बनना जरूरी
5 अगस्त को उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान करेंगे
5 अगस्त तक इंतजार किया तो 19 सितम्बर के पूर्व चुनाव कराना होगा

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28 बरस बाद गोरखपुर संसदीय सीट से टूटेगा नाता
पूरे 28 साल बाद गोरखपुर संसदीय सीट का गोरक्षपीठ से रिश्ता टूटेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार 5वीं बार इस सीट से लोकसभा पहुंचे। उनके पहले उनके गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ लगातार तीन बार 1989, 1991 और 1996 में सांसद रहे। बढ़ती उम्र के कारण उन्होंने योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर संसदीय सीट का संसद में प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया। तब से योगी आदित्यनाथ लगातार पांच बार लोकसभा पहुंच चुके हैं। 

योगी का इस्तीफा देना सर्वविदित है लेकिन वह विधानमंडल दल का सदस्य कैसे बनेंगे, यह रहस्य बना हुआ है। चुनाव लड़कर एमएलए बनेंगे या सीधे एमएलसी। चुनाव लड़ेंगे तो किस सीट से। यह भी रहस्य बना हुआ है कि जिस गोरखपुर सदर सीट को वह खाली करेंगे वहां से लोकसभा का उपचुनाव कौन लड़ेगा। वह योगी का करीबी होगा या पार्टी तय करेगी। 

कई विधायक सीट छोड़ने को तैयार

योगी को विधायक बनवाने के लिए गोरखपुर समेत कई जिले के आधा दर्जन से अधिक विधायक महीनों पहले योगी के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं। गोरखपुर मंडल में गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, पिपराइच और डुमरियागंज समेत कई विधायकों का ऐलान है कि योगी उनकी सीट से चुनाव लड़ें। लेकिन पार्टी ने इस पर अपना मौन नहीं तोड़ा है। योगी भी खामोशी बनाए हुए हैं। 

इसलिए महत्वपूर्ण है गोरखपुर संसदीय सीट

गोरखपुर संसदीय सीट गोरक्षपीठ की सीट मानी जाती है। 1989 से ही यह सीट पीठ के पास है। योगी की इस सीट से 5वीं जीत है तो इससे पहले यह सीट उनके गुरु महंत अवेद्यनाथ के पास थी। चर्चा है कि योगी इस सीट पर अपने किसी करीबी को ही चुनाव लड़ाना चाहेंगे। पार्टी भी उनकी पसंद के नेता को ही टिकट देगी। लेकिन वह कौन होगा, यह तय नहीं है। बस चर्चाएं और अटकलें हैं। आधा दर्जन से अधिक नाम हवा में तैर रहे हैं। इनमें कुछ योगी के करीबी तो कुछ भाजपा के नेता भी हैं। वैसे अब इस पर पत्ते खुलने का भी समय करीब आ गया है। 

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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी देंगे इस्तीफा
उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी लोकसभा से इस्तीफा देना होगा। 5 अगस्त को मतदान के बाद दोनों नेता कभी भी इस्तीफे का एलान कर विधानसभा के लिए चुनाव लड़ेंगे। उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और अल्प संख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा विधान परिषद जा सकते हैं।

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