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संतकबीरनगर लोकसभा: इंद्रजीत सबसे कम तो सबसे ज्‍यादा वोटों से जीते थे बृजभूषण 

संतकबीरनगर लोकसभा सीट का अपना एक अलग ही इतिहास है। यह सीट पहले, दूसरे और तीसरे चुनाव के दौरान बस्ती पूर्व के नाम से जानी जाती थी। इसके बाद वर्ष 1967 के परिसीमन में खलीलाबाद लोकसभा क्षेत्र हो गया। 11...

संतकबीरनगर लोकसभा: इंद्रजीत सबसे कम तो सबसे ज्‍यादा वोटों से जीते थे बृजभूषण 
राहुल राय ,संतकबीरनगरSat, 20 Apr 2019 06:03 PM
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संतकबीरनगर लोकसभा सीट का अपना एक अलग ही इतिहास है। यह सीट पहले, दूसरे और तीसरे चुनाव के दौरान बस्ती पूर्व के नाम से जानी जाती थी। इसके बाद वर्ष 1967 के परिसीमन में खलीलाबाद लोकसभा क्षेत्र हो गया। 11 आम चुनाव और एक उप चुनाव के बाद फिर परिसीमन हुआ तो खलीलाबाद सीट संतकबीरनगर के रूप में सृजित हो गई। बस्ती पूर्व से लेकर अब तक का इतिहास रहा कि दो प्रत्याशियों को छोड़ दिया जाए तो सभी की जीत 10 हजार से ऊपर मतों से हुई थी। सबसे छोटी जीत भाजपा के इंद्रजीत मिश्र को मिली थी। वहीं उनके बाद भाजपा के ही अष्टभुजा शुक्ल का नंबर आता है। जबकि सबसे बड़ी जीत का गौरव आज भी बृजभूषण तिवारी के नाम है। वे 1977 के चुनाव में  1,77,460 वोट के बड़े अंतर से जीते थे। 

वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में शिक्षक इंद्रजीत मिश्र चुनाव मैदान में उतरे थे। शिक्षक के रूप में साफ सुथरी छवि के कारण वे लोगों की पहली पसंद थे। सपा प्रत्याशी के रूप में भालचंद्र यादव ने कड़ी टक्कर जरूर दी, लेकिन श्री मिश्र ने चुनाव में जीत दर्ज की। उनकी यह जीत इस सीट पर सबसे कम वोट के अंतर से हुई। वे मात्र 21 सौ मतों के अंतर चुनाव जीते थे। इस चुनाव में उन्हें  इंद्रजीत मिश्र को 1, 97,149 मत मिले थे, वहीं सपा प्रत्याशी भालचंद्र यादव को 1,95,049 मत मिले थे। अब तक हुए सभी लोक सभा चुनाव में इस जीत का अंतर ही सबसे कम रहा है। 1991 के चुनाव में भाजपा के अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल ने 5 हजार 91 मत के अंतर से चुनाव जीता था।  उन्हें 1, 21,924 मत मिले जनता दल के प्रत्याशी सुरेंद्र यादव को 1,16, 833 मत मिले थे। 

आज भी बृजभूषण तिवारी के नाम है सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड 
खलीलाबाद सीट से सबसे बड़ी जीत का खिताब आज भी भारतीय लोकदल से 1977 में सांसद बने बृजभूषण तिवारी के नाम है। उनके रिकार्ड को अभी तक कोई प्रत्याशी तोड़ नहीं सका है। बृजभूषण तिवारी को 2,71,395 मत मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी केसी पांडेय को मात्र 93,935 मत ही मिले। यह चुनाव श्री तिवारी 1,77,460 मत के बड़े अंतर से जीते। बड़ी जीत में दूसरे स्थान पर 1984 में सांसद बने चंद्रशेखर के पास है। वे इस चुनाव में 1,36,364 मत के अंतर से चुनाव जीते थे। वहीं तीसरे स्थान पर 2014 में सांसद बने शरद त्रिपाठी हैं। शरद त्रिपाठी 97,978 मत के अंतर से चुनाव जीते थे। 

कब कितने अंतर से जीते सांसद
वर्ष     जीते              वोट अंतर
1957  - केशव देव मालवीय  - 57296
          - राम गरीब (निर्दल) - 11976 
1962  - केशव देव मालवीय - 18921
1967  - मेजर रंजीत सिंह     - 21645
1971  - कृष्ण चंद्र पांडेय     - 44809
1977  - बृज भूषण तिवारी   - 177460
1980  - कृष्ण चंद्र पांडेय    -  19941
1984  - चंद्रशेखर           -  136364
1989  - राम प्रसाद चौधरी  -   60299
1991  - अष्टभुजा शुक्ल   -      5091
1996  - सुरेंद्र यादव       -    43188
1998  - इंद्रजीत मिश्र      -      2100
1999  - भालचंद्र यादव    -    30028
2004    - भालचंद्र यादव  -   27023
2009    - भीष्म शंकर     -   29496
2014    - शरद त्रिपाठी    -   97978

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