रोज छह मीटर भी बनाते तो अब तक बन जाता फोरलेन
एक ओर केन्द्र सरकार प्रति दिन देश में 11 किमी सड़क निर्माण कर रही है तो इधर सीएम सिटी में महज छह किमी फोरलेन का निर्माण ढाई साल में भी पूरा नहीं हो सका है। सर्किट हाउस से एयरफोर्स तक यदि रोज छह मीटर...
एक ओर केन्द्र सरकार प्रति दिन देश में 11 किमी सड़क निर्माण कर रही है तो इधर सीएम सिटी में महज छह किमी फोरलेन का निर्माण ढाई साल में भी पूरा नहीं हो सका है। सर्किट हाउस से एयरफोर्स तक यदि रोज छह मीटर भी सड़क बनाते तो अब तक फोरलेन बनाने का काम पूरा हो गया होता, मगर पीडब्ल्यूडी से इतना भी नहीं हो सका। इस सुस्ती के चलते मोहद्दीपुर से कूड़ाघाट तक के दुकानदार तो त्रस्त हैं ही, राहगीर भी यहां आये दिन लगने वाले जाम से परेशान है।
इस फोरलेन का निर्माण ढाई साल पहले पीडब्ल्यूडी ने प्रारंभ कराया था। बिजली के पोल हटाने, नयी लाइन से सप्लाई बरकरार रखने व भूमिगत केबिल को नाली के बगल में डक बनाकर डालने आदि के काम भी पीडब्ल्यूडी के ही जिम्मे कर दिए गए ताकि दूसरे विभागों के चक्कर में काम में देरी न हो। बजट भी रिवाइज कर दिया गया। यहां तक खुद मुख्यमंत्री ने फोरलेन के निर्माण की अधिकतम समय सीमा दिसंबर-18 तय की थी मगर इसके बाद भी काम अधूरा है।
पिछले दिनों डक में केबल डालने में देरी को लेकर जब स्थानीय लोगों ने हो हल्ला मचाया तो काम शुरू हुआ मगर 200 मीटर केबल डालकर छोड़ दिया गया। डक पर स्लैब बिछाया गया है मगर यह पूरी तरह से ऊबड़ खाबड़ है। लोग इसके चलते लोग आए दिन चुटहिल हो रहे हैं। डक में बालू डालकर इसे ढंकने के लिए स्लैब ऐसा बराबर बिछाना था ताकि कोई इससे चोटिल न हो मगर ऐसा नहीं हुआ। अभी भी सड़क पर दोनों ओर पोल खड़े मिल जाएंगे। यह राहगीरों की बाधा बन रहे हैं। कूड़ाघाट के पास सड़क खोद कर छह महीने से छोड़ी गई है। यहां बीस मीटर डिवाइडर भी बन गया है मगर डिवाइडर की शटरिंग अब तक नहीं खुल सकी है। मोहद्दीपुर में आधी सड़क तक बालू व स्लैब गिरा कर छोड़ दिए गए हैं। डक के सटे बनी नाली में पानी भरने के बाद वह डक में चला जाता है। जबकि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की नजर में यह अपराध है। दुकानदार तीन साल से परेशान हैं। उनके सामने खुदाई कर नाली व डक खुला छोड़ दिया गया है। दुकान पर ग्राहकों ने आना बंद कर दिया है। कहीं सड़क ऊंची हो गई तो कहीं इतनी नीची है कि लोग वहां से गुजरना ही नहीं चाहते। इन जगहों को लोगों ने पार्किंग बना दिया है। नहर रोड के पास पुलिया बनाकर सड़क को फोरलेन करना था मगर अब तक यहां सड़क डबल लेन ही है। आधे हिस्से पर काम अभी तक नहीं हुआ है। डिवाइडर बनाने का काम भी अधूरा है।
क्रेन से बिछा रहे स्लैब, टूट जा रही नाली
यहां डक पर स्लैब बिछाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ठेकेदार के बिना तकनीकी ज्ञान वाले आदमी यह काम कर रहे हैं। इस दौरान पीडब्ल्यू का कोई तकनीकी जानकार मौके पर नहीं रहता जो इसे ठीक करा सके या वह तरीका बता सके, जिससे स्लैब बराबर बिछाए जाएं। इस चक्कर में डक से सटाकर बनी नाली जगह-जगह से टूट जा रही है। स्थानीय लोगों ने दिखाया कि जगह-जगह नाली या तो क्रैक कर गई है या तो टूट गई है। अब इसका पानी डक में जाना स्वाभाविक है। अभी भी डक में बरसात का पानी भरा है।
अब मौसम साफ होने का इंतजार
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता रामजीत प्रसाद के मोबाइल पर कई बार कॉल करने पर भी फ़ोन नहीं उठा। सहायक अभियंता पंकज सिंह ने बताया बिजली शिफ्टिंग का कुछ काम बचा है। 10 से 15 दिन तक मौसम साफ रहा तो काम पूरा हो जाएगा। डिवाइडर का काम लगभग पूरा हो चुका है। सड़क बनाने का काम भी कुछ मीटर तक बचा है।