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पैसा मिल जाए तो ट्रक नहीं रोकते थे अफसर, चाहे कुछ भी लोड हो

हाईवे पर समानांतर आरटीओ दफ्तर चल रहा था। ढाबे पर रिश्वत देकर ओवरलोड ट्रक फर्राटा भरते थे। जांच तो दूर, उन्हें रोका तक नहीं जाता था। बस डायरी में अफसर और उनके करीबी कर्मचारी यह चेक करते थे कि उस ट्रक...

पैसा मिल जाए तो ट्रक नहीं रोकते थे अफसर, चाहे कुछ भी लोड हो
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरTue, 04 Feb 2020 02:24 AM
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हाईवे पर समानांतर आरटीओ दफ्तर चल रहा था। ढाबे पर रिश्वत देकर ओवरलोड ट्रक फर्राटा भरते थे। जांच तो दूर, उन्हें रोका तक नहीं जाता था। बस डायरी में अफसर और उनके करीबी कर्मचारी यह चेक करते थे कि उस ट्रक का पैसा गैंग के पास जमा है या नहीं। अगर पैसा जमा है तो महीने भर तक वह ट्रक बेखौफ फर्राटा भरता था। अफसर यह भी चेक नहीं करते थे कि उसके कितना माल भरा है या क्या ढोया जा रहा है। एसआईटी ने सोमवार को जेल में ओवरलोडिंग गैंग के लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने सारे राज कबूल दिए।

ओवरलोडिंग के जरिये करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश 24 जनवरी को हुआ था। एसटीएफ ने 6 लोगों को गिरफ्तार कर 16 जिलों के आरटीओ अफसरों-कर्मियों की संलिप्तता की तहरीर दी थी। इसकी गैग की पोल खोलने के लिए एसआईटी सोमवार को जेल पहुंची। कोर्ट के आदेश पर जेल पहुंची एसआईटी ने पहली बार गिरफ्तार लोगों से सवाल दागे। सीओ कैंट सुमित शुक्ला के नेतृत्व में एसआईटी गठित हुई है। एसआईटी ने जेल में पूछताछ करने की अदालत से अनुमति मांगी थी। अनुमति के बाद टीम ने जेल में गिरोह के सभी लोगों से सवाल-जवाब किए। एसआईटी 29 सवाल तैयार कर ले गई थी। उनके जवाबों से भी कई सवाल निकले। कुल 50 से ज्यादा सवाल किए गए। गैंग के मुख्य सदस्य धर्मपाल और मनीष ने सभी सवालों के सिलसिलेवार जवाब दिए। एसआईटी प्रभारी सुमित शुक्ला के मुताबिक दोनों ने वसूली का जुर्म कबूला और बंटवारे की पूरी कहानी भी बताई।

एसटीएफ ने जो फर्द तैयार की थी, अभियुक्तों का इकबाल-ए जुर्म उससे पूरी तरह मेल खाता है। दो घंटे की पूछताछ में सभी छह अभियुक्तों से बात की गई। आरोपियों ने सवालों के जवाब दिए। इन बयानों के आधार पर टीम आगे की कार्रवाई करेगी।

सुमित शुक्ला, एसआईटी प्रभारी

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