हमसफर में सबसे अधिक किराया फिर भी गंदगी का अम्बार
स्वच्छता अभियान के तमाम प्रयास और कवायद हमसफर एक्सप्रेस को देख कमजोर पड़ जा रही हैं। जी हां सामान्य ट्रेनों की तुलना में सबसे अधिक किराए हमसफर एक्सप्रेस में गंदगी का अम्बार है। यह हाल तब है जब इस...
स्वच्छता अभियान के तमाम प्रयास और कवायद हमसफर एक्सप्रेस को देख कमजोर पड़ जा रही हैं। जी हां सामान्य ट्रेनों की तुलना में सबसे अधिक किराए हमसफर एक्सप्रेस में गंदगी का अम्बार है। यह हाल तब है जब इस ट्रेन की सभी बोगियां वातानुकूलित हैं और पूर्वोत्तर रेलवे की सबसे प्रतिष्ठित ट्रेन हैं। शुरूआती दिनों इस ट्रेन की बोगियों की सफाई को मानक मानकर दूसरी ट्रेनों की बोगियों की सफाई कराई गई लेकिन अब उसे देख कर लगता है कि इस ट्रेन से गंदी और दूसरी कोई ट्रेन नहीं।
गंदगी को देख यात्रियोंं ने कई बार इसकी शिकायत टीटीई से की लेकिन नतीजा नहीं निकला। कुछ यात्रियों ने फोटो के साथ रेल मंत्रालय को ट्वीट भी किया लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। गंदगी जस की तस। ट्रेन में काम करने वाले कोच अटेंडेंट का कहना है कि बीते कई दिनों से सफाईकर्मी ट्रेन में चल ही नहीं रहे हैं। सफाई कर्मियों के न चलने से ट्रेन चलने के कुछ ही देर पर बोगियों में गंदगी का अम्बार हो जाता है। यात्री टीटीई और अन्य स्टाफ से बहस करते हैं। उनकी शिकायत अधिकारियों तक पहुंचा दी जाती है लेकिन उसका कोई फायदा नहीं। स्थिति जस की तस ही है।
2200 रुपये तक चला जाता है किराया
गोरखपुर से आनन्द विहार तक जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस फ्लेक्सी किराया चलता है। मसलन जैसे-जैसे सीटों की संख्या कम होती जाती है वैसे-वैसे किराए में बढ़ोत्तरी होती चली जाती है। इसमें किराया 1300 रुपये से लेकर 2200 रुपये तक चला जाता है। इतना अधिक किराया होने के बाद भी ट्रेन की स्थिति बद से बदतर है।
महीने में इस ट्रेन से आनन्द विहार तक दो बार यात्रा करने वाले गोरखपुर के स्वर्ण व्यवसायी सोमू निगम बताते हैं कि पहले इस ट्रेन से सुंदर और साफ दूसरी कोई ट्रेन नहीं थी लेकिन इधर कुछ महीनों से हर बोगी में गंदगी का अम्बार है। आनन्द विहार तक की यात्रा में कोई सफाईकर्मी नहीं आता है।