बारिश से ढह गई ऐतिहासिक बसंतसराय की जर्जर दीवार
शहर की सांस्कृतिक धरोहर में शुमार बसंत सराय का एक कमरे की दीवार सोमवार को बारिश में गिर गई। दीवार गिरने से सराय में रहने वाले 60 से अधिक परिवार दहशत में है। नगर निगम ने गिरे भवन के अगल-बगल के तीन...
शहर की सांस्कृतिक धरोहर में शुमार बसंत सराय का एक कमरे की दीवार सोमवार को बारिश में गिर गई। दीवार गिरने से सराय में रहने वाले 60 से अधिक परिवार दहशत में है। नगर निगम ने गिरे भवन के अगल-बगल के तीन परिवारों को तत्काल भवन खाली करने को कहा है। पिछले 24 घंटे से हो रही अनवरत बारिश से जर्जर भवनों को खतरा बढ़ गया है। इसी बीच बसंत सराय की दीवार मंगलवार की शाम गिर गई। कमरे की दीवार गिरने के बाद लोगों में दहशत है। स्थानीय पार्षद बृजेन्द्र अग्रहरि दीवार गिरने की सूचना पर शाम को मौके का निरीक्षण करने पहुंचे। लोगों की दिक्कतों से रूबरू होने के बाद उन्होंने इसकी सूचना नगर निगम के अधिकारियों को दे दी है। निगम के जेई आरके मिश्रा तत्काल जेसीबी लेकर पहुंचे। जेसीबी से मलबे हो हटाया गया। जेई ने बताया कि गिरे भवन में भिखारी का परिवार रहता है। किसी के घायल नहीं हुआ है। आसपास के जर्जर भवनों में निवास कर रहे मन्नान, संतोष और राकेश गुप्ता को भी मकान खाली करने को कहा गया है। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) ने बसंत सराय को सांस्कृतिक धरोहर माना है। लेकिन इसके सरंक्षण को लेकर नगर निगम और जीडीए बेपरवाह है। सराय के अंदर मौजूद 67 कमरों में करीब 60 परिवार रहते हैं। यह भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। दीवाल गिरने के बाद नगर निगम और जीडीए की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें कि तीन वर्ष पूर्व नगर निगम ने बसंत सराय को गिराकर शापिंग काम्पलेक्स का प्रस्ताव किया था। जिसका विरोध हुआ था। इंटेक की टीम ने वर्ष 2015 में सर्वे कर इसके सरंक्षण को लेकर प्रस्ताव भेजा था। वर्ष 2016 में शासन ने सांस्कृतिक धरोहरों की देखरेख के लिए जीडीए को जिम्मेदारी सौंपी थी। इंटेक के सह संयोजक पीके लाहिड़ी का कहना है कि नगर निगम को पूरा प्रस्ताव बनाकर दिया गया है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जीडीए भी अपनी जिम्मेदारों को लेकर लापरवाह है। पूर्व वीसी ओएन सिंह को भवन को लेकर जानकारी दी गई थी।