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अब उधार की बिजली से रोशन नहीं होंगे सरकारी दफ्तर और आवास

सरकारी दफ्तरों और आवासों पर बढ़ते बिजली बकाए को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने अब सभी कनेक्शनों को प्री-पेड करने का  निर्णय लिया है। अब उधारी की बिजली से सराकरी दफ्तर और आवास रोशन नहीं होंगे।...

अब उधार की बिजली से रोशन नहीं होंगे सरकारी दफ्तर और आवास
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,गोरखपुर Mon, 18 Sep 2017 10:14 PM
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सरकारी दफ्तरों और आवासों पर बढ़ते बिजली बकाए को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने अब सभी कनेक्शनों को प्री-पेड करने का  निर्णय लिया है। अब उधारी की बिजली से सराकरी दफ्तर और आवास रोशन नहीं होंगे। प्री-पेड मीटर लगने के बाद अपनी जरुरत के मुताबिक एडवांस में रीचार्ज कराकर बिजली का इस्तेमाल करेंगे। कारपोरेशन के निर्देश पर बिजली निगम में सभी विभागों को पत्र भेजने की तैयारी चल रही है। ताकि विभाग प्री-पेड मीटर की कास्ट जमा करके कनेक्शन प्री-पेड करा सके।

दरअसल विभिन्न विभाग अपने कार्यालय और कालोनी के बिजली बिल का भुगतान वित्तिय वर्ष के अंतिम माह मार्च में करते है। ऐसे में हर साल बिजली बिल का बकाया करोड़ों रुपये हो जाता है। मार्च में जितना बजट उपलब्ध रहता है विभाग भुगतान करते है। इस तरह से साल दर साल बकाया बढता ही रहता है। बकाए में बिजली कटने पर उपर से दबाव आने पर अंतत: बिना भुगतान के कनेक्शन जोड़ना पड़ता है।

इस स्थिति से परेशान पावर कारपोरेशन ने सरकारी विभागों को उधार की बिजली सुविधा को बंद करने का निर्णय लिया है। प्री-पेड कनेक्शन लगने से विभाग अपनी जरुरत के मुताबिक रीचार्ज कराकर बिजली का इस्तेमाल करेंगे। प्री-पेड कनेक्शन लगने से कर्मचारी अधिकारी बिजली बचत पर भी ध्यान देंगे। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम पावर कारपोरेशन के निर्णय पर अमल कराने की तैयारी में जुटा है। प्री-पेड मीटर बनाने वाली कंपनी को बड़ी संख्या में मीटर आपूर्ति करने को पत्र भेजा है।

अधिकारियों का कहना है कि सरकारी विभागों और आवासों पर कई करोड़ रुपये का बिजली बकाया है। तमाम काोशिश के बावजूद समय से बकाए की वसूली नहीं हो पाती है।अफसरों और कर्मचारियों के सरकारी आवासों पर बकाया सबसे ज्यादा है। कर्मचारी तो किसी तरह कुछ जमा भी कर देते हैं, ज्यादातर अफसर बिजली का बिल नहीं जमा करते। अफसर ट्रांसफर होते जाते हैं और बकाया बढ़ता जाता है। 

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