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चिड़ियाघर में जानवरों की मौत पर खड़े हो रहे सवाल

Gorakhpur News - शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में जानवरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बड़े मांसाहारी जानवरों (कार्निवोर) में शुमार बाघ, तेंदुआ, भेड़िया की मौत के बाद अब बब्बर शेर भरत की मौत ने चिड़ियाघर पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरMon, 6 Oct 2025 08:57 AM
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चिड़ियाघर में जानवरों की मौत पर खड़े हो रहे सवाल

शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में जानवरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बड़े मांसाहारी जानवरों (कार्निवोर) में शुमार बाघ, तेंदुआ, भेड़िया की मौत के बाद अब बब्बर शेर भरत की मौत ने चिड़ियाघर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक-एक करके इन जानवरों की मौत ने चिड़ियाघर के चिड़ियाघर के भोजन पर भी प्रश्न चिह्न लगाया है क्योंकि, अब तक जिन जानवरों की मौत हुई है, जो केवल मांस ही खाते हैं और सबसे अधिक खर्च इन जानवरों के खाने पर ही होता है।

बताया जा रहा है कि शेर भरत पूरी तरह से स्वस्थ था। अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और सुबह ही उसकी मौत हो गई। जबकि चिड़ियाघर प्रशासन यह दावा करता रहा कि उसकी सांसें चल रही थी। देर शाम चार बजे के आसपास चिड़ियाघर प्रशासन ने शेर भरत के मौत की पुष्टि की। मामले की जानकारी शासन को भी दी गई है। बताया जा रहा है कि शासन स्तर से कोई बड़ा अधिकारी सोमवार को चिड़ियाघर का दौरा कर सकता है। चिड़ियाघर प्रशासन को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिरकार बड़े जानवरों की ही मौत क्यों हो रही है। हालांकि, पांच जानवरों की हुई मौत की वजह बर्ड फ्लू बताई गई थी। उस वक्त यह तय नहीं हो पाया था कि यह संक्रमण जानवरों तक पहुंचाने में किन पक्षियों की भूमिका रही थी। बर्ड फ्लू से हुई जानवरों की मौत ने प्रदेश भर में मचा दिया था दहशत चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू से हुई जानवरों की मौत ने प्रदेश भर में दहशत मचा दिया था। स्थिति ऐसी हो गई थी कि प्रदेश भर के चिड़ियाघर करीब दो माह तक बंद कर दिए गए थे।

चिड़ियाघर में सबसे पहली मौत 30 मार्च को पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ केसरी की हुई थी। इसके बाद पांच मई को भेड़िया भैरवी, सात मई को बाघिन शक्ति, आठ मई को तेंदुआ मोना की मौत हो गई। इनका नमूना जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल भेजा गया था। 13 मई को शक्ति और भैरवी में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। इसके बाद से चिड़ियाघर को दर्शकों के लिए बंद कर दिया। इसी बीच बाघ पटौदी की तबीयत खराब हुई। इलाज के लिए कानपुर भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई। जांच में बर्ड फ्लू मिला। इसके बाद कानपुर चिड़ियाघर को भी बंद कर दिया गया। वहीं, गोरखपुर चिड़ियाघर के जानवरों की रिपोर्ट 23 मई को आई। इसमें बाघिन मैलानी, तेंदुआ के दो शावक, हिमालयन गिद्ध और काकाटेल पक्षी में संक्रमण मिला। इसी दिन कॉकटेल की भी मौत हो गई थी।

इन सबके बीच मैलानी की भी तबीयत खराब चल रही है। उसकी दोनों आंखें 90 फीसदी खराब हो चुकी है, जो अब ठीक भी नहीं हो सकती है। इसके अलावा उसकी किडनी भी खराब है। चिड़ियाघर में वह अंतिम सांसे गिन रही है।

चिड़ियाघर के जानवरों पर पूरी नजर रखी जा रही है। पिछले दिनों जिन वन्यजीवों की मौत हुई है। उनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके बाद भी चिड़ियाघर की टीम ने अच्छा काम किया और कई जानवरों को पहली बार बर्ड फ्लू संक्रमण से निजात दिलाने में सफलता पाई है।

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