224 करोड़ की सीवरेज योजना पूरी, नगर निगम नहीं ले रहा चार्ज
Gorakhpur News - गोरखपुर। राजीव दत्त पांडेय अमृत मिशन के तहत 224 करोड़ की लागत से बनी
गोरखपुर। राजीव दत्त पांडेय अमृत मिशन के तहत 224 करोड़ की लागत से बनी सीवरेज योजना जोन सी-02, पार्ट-01 पूरी तरह तैयार हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 अप्रैल को इसका लोकार्पण भी कर दिया है, लेकिन चार महीने बीत जाने के बावजूद नगर निगम ने अब तक इस योजना की परिसंपत्तियों को अपने अधीन नहीं लिया है। इस लापरवाही का खामियाजा इस सुविधा से जुड़े 12,876 घरों में रहने वाले वाशिंदों को भुगतना पड़ सकता है। इन लाभार्थियों के घरों में कभी भी सीवर बैकफ्लो की स्थिति बन सकती है। योजना के तहत नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर में बनाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और मेन पंपिंग स्टेशन (एमपीएस) की देखरेख की जिम्मेदारी अभी तक जल निगम के पास है।
नगर निगम ने इसे न तो तकनीकी रूप से हैंडओवर लिया और न ही संचालन की जिम्मेदारी निभा रहा है। इस कारण एसटीपी का बिजली बिल समय पर नहीं जमा हो पा रहा है। अब तक करीब 30 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया हो खड़ा है। यदि भुगतान नहीं हुआ तो प्लांट बंद करना पड़ेगा। सीवर नेटवर्क में जमा पानी लोगों के घरों में ब्लैक फ्लो हो सकता है। परियोजना से छह वार्डों को लाभ योजना के तहत गोरखनाथ मंदिर के आसपास के 06 प्रमुख वार्ड माधोपुर, अंधियारी बाग, सूर्यकुंड धामनगर, रसूलपुर, पुराना गोरखपुर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहवासियों को सीधा लाभ पहुंचा है। इन वार्डों में तकरीबन 70 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन, 10 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 40 एमएलडी का पंपिंग स्टेशन और 12,876 घरों के सीवर कनेक्शन से जोड़े गए हैं। परियोजना से इन वार्डों की करीब 62 हजार की आबादी को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा गया है। नदी भी हो रही है साफ, फिर भी उदासीनता परियोजना के तहत रोहिन नदी में गिरने वाले तीन प्रमुख नालों बंसियाडीह, सुभाष नगर, ग्रीन सिटी फेज-2 को सीवर नेटवर्क से जोड़ा गया है। ताकि नदी में गिरने वाला प्रदूषित जल सीवेज ट्रीटमेंट से गुजर कर नदी में गिरे और जल की गुणवत्ता में सुधार आए। फिर भी नगर निगम की ओर से योजना का जिम्मा लेने में कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है। जल निगम के अधिशासी अभियंता पंकज कुमार ने 30 जनवरी को परिसंपत्तियों के हस्तांतरण का प्रस्ताव नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल को भेजा लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जनहित की योजना को बचाने की जरूरत हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ. अनिता अग्रवाल और पर्यावरण कार्यकर्ता मनीष चौबे कहते हैं कि जल्द ही नगर निगम ने परियोजना का हस्तांतरण नहीं लिया तो न केवल घरों में गंदा पानी लौटने की आशंका है, बल्कि करोड़ों रुपये का जनता का धन और जल निगम नगरीय का प्रयास भी व्यर्थ हो जाएगा। खास-खास सीवरेज योजना जोन सी-2, पार्ट-1 पूरी तरह है तैयार 06 वार्डो के 12876 घरों के सीवर कनेक्शन पर संकट 30 लाख रुपये बिजली का बिल बकाया, हर माह बढ़ रहा 19 अप्रैल को ही सीएम ने कर दिया था परियोजना का लोकार्पण बोले अधिशासी अभियंता सीवरेज योजना जोन सी-2, पार्ट-1 की स्वीकृति शासनादेश से 18 नवंबर 2021 स्वीकृत हुई थी, 223.85 करोड़ रुपये से 15 नवंबर 2024 को काम पूरा हो गया। अनुबंध के मुताबिक 3 माह का ट्रॉयल एवं रन अवधि भी 15 फरवरी 2025 को पूरी हो चुकी है। नगर निगम को हैंडओवर दिए जाने के प्रयास जारी हैं। - पंकज कुमार, अधिशासी अभियंता, उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय बोले अपर नगर आयुक्त हैंडओवर के लिए जल निगम का पत्र मिला है। वर्तमान में संचालन कर रही फर्म से इस संबंध में वार्ता की जा रही है। हमारी कोशिश है कि जल्द ही हैंडओवर की प्रक्रिया पूर्ण हो जाए। - दुर्गेश मिश्र, अपर नगर आयुक्त
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