Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुरGorakhpur s New Siding Line to Alleviate Train Maintenance Burden

अब बढ़नी में भी होगी बोगियों की मरम्मत, कम होगा गोरखपुर का बोझ

- बढ़नी में सिक लाइन बनकर तैयार, रोजाना दो से तीन रेक की हो सकेगी

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSat, 14 Sep 2024 02:34 AM
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गोरखपुर, मुख्य संवाददाता लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी और बरेली के बाद सिद्धार्थनर के बढ़नी में भी सिक लाइन बनकर तैयार हो गया है। यहां सिक लाइन बन जाने से गोरखपुर में कोच मेंटेनेंस का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा। सिक लाइन की सुविधा अगले 10 से 12 दिन के अंदर शुरू हो जाएगी। अभी गोरखपुर में न्यू और वोल्ड सिक लाइन में लोड जाने होने की वजह से हर समय बोगियों की लाइन लगी रहती है।

सिक लाइन खुल जाने से यहां ट्रेनों का विस्तार भी किया जाएगा। इसको लेकर गोरखपुर स्टेशन प्रबंधन ने डिवीजन को प्रस्ताव दे दिया है। लखनऊ डिवीजन ने प्रस्ताव मिलने के बाद तैयारी शुरू कर दी है। महाप्रबंधक के अनुमोदन बाद कभी भी टर्मिनेटिंग स्टेशन में बदलाव किया जा सकता है। इस बदलाव से जहां बढ़नी से गोरखपुर के बीच पड़ने वाले दर्जनों स्टेशनों के यात्रियों को इन ट्रेनों की सुविधा मिलेगी वहीं गोरखपुर का प्लेटफार्म भी खाली रहेगा। घंटो तक प्लेटफार्म पैक नहीं रहेंगे।

दरअसल गोरखपुर जंक्शन पर लगतार ट्रेनों का दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में स्टेशन प्रबंधन गोरखपुर में टर्मिनेट होने वाली ट्रेनों को आगे के स्टेशनों पर बढ़ाने की प्लानिंग कर रहा है। इस प्लानिंग से जहां दूसरे स्टेशनों पर ट्रेनों का विकल्प बढ़ जाएगा वहीं दूसरी तरफ जंक्शन से ट्रेनों का लोड भी कुछ हल्का हो जाएगा। इस सुविधा को शुरू करने के लिए सिक लाइन का को होना जरूरी है। अब जब वहां सिक लाइन का निर्माण हो गया है तो जल्द ही गोरखपुर से ट्रेनों का बोझ कुछ हद तक हो जाएगा।

रोजाना आठ से 10 कोच होते हैं अनफिट

गोरखपुर से चलने वाली ट्रेनों में धुलाई और मरम्मत के दौरान रोजाना आठ से 10 कोच अनफिट हो जाते हैं। इन अनफिट बोगियों को सिक लाइन में ही मेंटेन किया जाता है।

गोरखपुर ये ट्रेनें घंटों लाइन को रखती हैं ब्लॉक

20103 गोरखपुर-एलटीटी 11 घंटे

11081 गोरखपुर-एलटीटी 14 घंटे

11037 गोरखपुर-पुणे 15 घंटे

13507 गोरखपुर-आसनसोल 15 घंटे

19409 गोरखपुर-अहमदाबाद 12 घंटे

11055 गोरखपुर-एलटीटी 10 घंटे

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