गोरखपुर में बनेगा प्रदेश का पहला साहित्य पार्क
Gorakhpur News - गोरखपुर में नगर निगम एक साहित्य पार्क का निर्माण करने जा रहा है, जिसका उद्देश्य साहित्य प्रेमियों और लेखकों को अध्ययन और लेखन का मंच प्रदान करना है। यह पार्क 11.99 करोड़ रुपये में बनेगा और इसमें...

राजीव दत्त पाण्डेय गोरखपुर। साहित्य, दर्शन और आध्यात्म की पावन भूमि गोरखपुर में अब नगर निगम,‘साहित्य पार्क के निर्माण की योजना बना रहा है। खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी परियोजना के निकट राजस्व ग्राम खोराबार में बनने वाले इस साहित्य पार्क का उद्देश्य साहित्य प्रेमियों, लेखकों और विद्यार्थियों को ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां वे अध्ययन, लेखन, कलात्मक अभिव्यक्ति के साथ विचार-विमर्श भी कर सकें। पार्क में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का स्कल्पचर भी स्थापित होगा।
11.99 करोड़ रुपये से बनने से वाले इस पार्क के लिए नगर निगम की कार्यदाई संस्था सीएनडीएस यूनिट -42 ने इस्टीमेट बना दिया है। अब जल्द ही इसे शासन की स्वीकृति के भेजा जाएगा। यह पार्क गोरखपुर और उसके आस-पास के प्रतिष्ठित महापुरुषों गुरु गोरक्षनाथ, महात्मा बुद्ध, संत कबीर, परमहंस योगानंद के महान विचारों को समर्पित होगा। वहीं, कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद, फिराक गोरखपुर समेत अन्य की स्मृतियों को संजोने के लिए पार्क को विशेष रूप से साहित्यिक एवं दार्शनिक स्वरूप दिया जाएगा।
पार्क में होंगी ये प्रमुख सुविधाएं
पार्क में साहित्य, अध्यात्म और योग से जुड़े महापुरुषों की मूर्तियां (स्कल्पचर) वॉल पर स्थापित होंगी। उनके अनमोल विचार पत्थर की पट्टिकाओं पर अंकित होंगे। ओपन लाइब्रेरी बनाई जाएगी, जहां लोग निशुल्क पुस्तकें पढ़ सकेंगे और साहित्यिक विमर्श कर सकेंगे। युवा कवियों और लेखकों को प्रेरित करने के लिए नियमित रूप से ओपन माइक सेशन, काव्य गोष्ठियां और साहित्यिक चर्चाएं आयोजित होगी। पार्क में हरे-भरे पेड़, झील, फव्वारे और छायादार स्थान होंगे। ताकि पाठकों और साहित्य प्रेमियों को शांत माहौल मिल सके। क्यूआर कोड के माध्यम से ई-पुस्तकों और ऑडियोबुक्स तक पहुंच की सुविधा मिलेगी ताकि पाठक आधुनिक तकनीक का भी लाभ उठा सकें। यहां लेखन कार्यशालाएं और बाल साहित्य को समर्पित विशेष क्षेत्र विकसित होंगे ताकि नई पीढ़ी को साहित्य से जोड़ा जा सकें।
साहित्य पार्क साहित्य प्रेमियों के लिए एक बड़ी सौगात होगी, जहां वे अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ कर, साहित्य और अध्यात्म के संगम का अनुभव कर सकेंगे। यह साहित्यिक कैफे होगा जहां चाय-कॉफी के साथ किताबें पढ़ सकें। शासन स्तर पर स्वीकृति मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
संजय चौहान, मुख्य अभियंता नगर निगम
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