Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुरGorakhpur Municipal Corporation Takes Possession of 1860 Sqm Land Worth 50 Crores for Shopping Complex

पांच साल से लावारिस पड़ी थी 50 करोड़ की जमीन

अजब-गजब - ट्रांसपोर्टनगर नगर चौकी के निकट स्थित थी 1860 वर्ग मीटर जमीन -

पांच साल से लावारिस पड़ी थी 50 करोड़ की जमीन
Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरMon, 5 Aug 2024 09:09 PM
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गोरखपुर। मुख्य संवाददाता पांच साल से लावारिस पड़ी 50 करोड़ रुपये की 1860 वर्ग मीटर जमीन पर सोमवार को नगर निगम ने कब्जा कर लिया। जल्द ही जमीन पर बाड़बंदी भी की जाएगी। इस जमीन पर अब नगर निगम शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना बना रहा है। ट्रांसपोर्टनगर पुलिस चौकी के निकट स्थित इस जमीन को साल 2019 में ही हाईकोर्ट ने नगर निगम की जमीन करा दिया था। तब से इस जमीन की किसी ने सुध नहीं ली थी।

महेवा में पोखरे की जमीन पर कुछ लोगों ने अपना नाम दर्ज करा लिया था लेकिन 2006 में तत्कालीन एसडीएम की कोर्ट ने अवैध कब्जेदारों के नाम खारिज कर दिए। अदालत के इस फैसले के खिलाफ अवैध कब्जेदार तत्कालीन मण्डलायुक्त की कोर्ट में अपील किए। जहां अपील में मण्डलायुक्त की कोर्ट ने 3 अगस्त 2006 एसडीएम के फैसले के खिलाफ अवैध कब्जेदारों का राहत दे दी।

मण्डलायुक्त की अदालत के फैसले को आधार बना अवैध कब्जेदारों ने हाईकोर्ट की ओर रुख किया। 2006 के हाईकोर्ट में लंबित मामले में साल 2019 में निर्णय आया कि एसडीएम कोर्ट का निर्णय सही था। जमीन राजस्व विभाग के सरकारी दस्तावेज में पोखरा दर्ज है। लिहाजा जमीन का मालिकाना हक नगर निगम का बना।

अपर नगर आयुक्त ने तलाशी जमीन : रुस्तमपुर-नौसढ़ सिक्सलेन एवं कटनिया बांध पर पड़ी इस बेशकीमत जमीन पर कुछ लोग ठेला खोमचा लगाए गए थे। अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह की इस जमीन पर नजर पड़ी तो उन्होंने अपने राजस्व विभाग के अधिकारियों से पूछताछ शुरू की कि यह जमीन किसकी है? तफ्तीश शुरू हुई तो पता चला कि जमीन नगर निगम की है। उसके बाद पिछले दिनों प्रवर्तन दल की टीम ने पहुंच कर जमीन से ठेले खोमचे हटाए। अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह के मुताबिक जमीन पर दो तरफ सड़क है। एक ओर सिक्स लेन दूसरी ओर कटनियां बांध।

शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रस्ताव

नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के मुताबिक पैमाइश कराकर जमीन पर बाड़बंदी के लिए निर्देशित किया गया। जमीन राजस्व रिकार्ड में तालाब के नाम पर दर्ज है लेकिन मौके पर तालाब नहीं है। आसपास में काफी निर्माण भी है। व्यावसायिक महत्व की इस जमीन पर नगर निगम की मंशा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने की है। इससे नगर निगम की आय में इजाफा होगा, नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने में मदद भी मिलेगी।

न्यायालय के आदेश का अध्ययन करने के बाद नगर निगम ने एसडीएम को पत्र लिखकर राजस्व अभिलेखों में इस आदेश को दर्ज करने के लिए कहा है। नाम दर्ज होते ही संबंधित जमीन पर शॉपिंग काम्प्लेक्स बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

निरंकार सिंह, अपर नगर आयुक्त

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