गोरखपुर जेल में बवाल: आठ घंटे बाद शांत हुए कैदी
गोरखपुर जेल (Gorakhpur jail) में साढे आठ घण्टे तक बंदियों ने बवाल काटा। एक डिप्टी जेलर व चार सिपाहियों को पीटकर घायल कर दिया और जेल में तोड़फोड़ की। आगजनी की भी खबर है मगर प्रशासन इसे खारिज कर रहा है।...
गोरखपुर जेल (Gorakhpur jail) में साढे आठ घण्टे तक बंदियों ने बवाल काटा। एक डिप्टी जेलर व चार सिपाहियों को पीटकर घायल कर दिया और जेल में तोड़फोड़ की। आगजनी की भी खबर है मगर प्रशासन इसे खारिज कर रहा है। बंदियों को काबू में करने गए बंदी रक्षकों पर कई घण्टे तक पथराव हुआ। हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि बिजली-पानी की आपूर्ति ठप करनी पड़ी। जिला प्रशासन ने पहुंचकर किसी तरह हालात काबू में किया। शासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेटी जांच की घोषणा की है। यह जांच एडीएम सिटी करेंगे।
हंगामा सुबह 6.30 बजे तब शुरू हुआ जब गिनती के लिए बैरक खोले गए। बैरक खुलते ही बंदियों ने डिप्टी जेलर प्रभाकांत पाण्डेय व चार सिपाहियों पर हमला बोल दिया। उन्हें जमकर पीटा। उन्होंने भागकर जान बचाई। जेलर प्रेम सागर शुक्ला समझाने पहुंचे तो उनके साथ भी हाथापाई की गई।
बवाल होते ही जेल के बंदी रक्षक वहां पहुंच गए। वे हालात काबू में कर पाते, इससे पहले ही बंदियों ने उनपर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। बंदियों ने किचन में तोड़फोड़ की और सीसीटीवी कैमरा तोड़ डाला। किचन के पास उन्होंने कूड़े के ढेर में आग भी लगा दी। हालांकि आगजनी की घटना पुष्ट नहीं हो रही है। अलबत्ता जेल के भीतर दमकल की कई गाड़ियां जाती दिखीं।
सूचना पाकर पहले पहुंचे एडीएम सिटी व एसपी सिटी ने ड्रोन कैमरों से जेल के भीतर के हालात का जायजा लिया और फिर भीतर दाखिल हुए। काफी देर बाद भी वे बंदियों को मना नहीं पाए। हालांकि बाहर आकर उन्होंने बताया कि शांति हो गई है लेकिन कुछ देर बाद ही फिर हंगामा शुरू हो गया। तब डीएम-एसएसपी जेल पहुंचे। पूरे शहर के 9 थानों की फोर्स व पीएसी बुला ली गई। ढाई बजे मामला शांत हुआ। बंदियों के गुस्से की दो वजह बताई जा रही है। बड़ी वजह क्राइम ब्रांच के जेल में जाकर कोईल यादव व गोविंद यादव को पीटना बताया जा रहा है। वहीं प्रशासन सुविधा की कमी को ही अहम वजह बता रहा है।
जेल में हालात नियंत्रण में कर लिए गए हैं। अब पूरी तरह शांति है। मुख्यालय के डीआईजी जांच कर विस्तृत रिपोर्ट देंगे, उसी आधार पर आगे की कार्यवाही होगी।
आनंद कुमार, महानिदेशक जेल