मुआवजा के बारे में लोगों को समझा रहे हैं अभियंता
Gorakhpur News - गोरखपुर में धर्मशाला से पांडेयहाता तक विरासत गलियारा बन रहा है। गृहकर के आधार पर रजिस्ट्री की जा रही है और मुआवजा दिया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि कई लोग रजिस्ट्री के लिए आगे आए हैं। जमीन का...

गोरखपुर, निज संवाददाता। धर्मशाला से पांडेयहाता तक बन रहे विरासत गलियारा में भवन के गृहकर के आधार पर रजिस्ट्री हो रही है। नगर निगम में दर्ज मकान नंबर के आधार पर गृहकर की जांच कर मकान में होने वाली क्षति का मूल्यांकन करके मुआवजा दिया जा रहा रहा है। अधिकारियों के अनुसार कई लोग रजिस्ट्री के लिए आगे आए हैं। जमीन का मालिकाना हक तय होने के बाद इसका भी मुआवजा दिया जाएगा। अभियंता लोगों को यह बताने में जुटे हैं कि गृहकर के आधार पर रजिस्ट्री कराकर मुआवजा लेने वालों की जमीन पर मालिकाना हक की राह और आसान होगी। यदि जमीन पर मालिकाना हक मिल जाएगा तो पीडब्ल्यूडी बाद में अधिगृहीत जमीन का भी मुआवजा देगी। फिलहाल मुआवजा सिर्फ तोड़फोड़ और निर्माण के लिए दिया जा रहा है।
धर्मशाला से पांडेयहाता तक तकरीबन साढ़े तीन किलोमीटर लंबाई में विरासत गलियारा का निर्माण हो रहा है। धर्मशाला बाजार की तरफ से नाला निर्माण का काम चल भी रहा है। कुछ लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उनका कहना था कि बिना जमीन अधिगृहीत किए मकान की रजिस्ट्री कराई जा रही है। पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं का कहना था कि जिनके मकान हैं, उनमें से तकरीबन 90 प्रतिशत के पास जमीन के मालिकाना हक से जुड़े कागजात नहीं हैं।
लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड दो के अधिशासी अभियंता अरविंद सिंह ने बताया कि लोगों से बात करके रजिस्ट्री के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जल्द ही रजिस्ट्री शुरू होगी। धन की कोई कमी नहीं है। कागजात के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है।
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