गोरखपुर के 'ध्रुव' ने आज से शुरू की ट्रैक की निगरानी
गोरखपुर रेल वर्कशॉप में बने अत्याधुनिक इंस्पेक्शन यान ‘ध्रुव' से बुधवार को अफसर वाराणसी मण्डल में ट्रैक का निरीक्षण करेंगे। यहां तीन दिन पहले इसका सफल परीक्षण हुआ। मंगलवार को इसे वाराणसी के...
गोरखपुर रेल वर्कशॉप में बने अत्याधुनिक इंस्पेक्शन यान ‘ध्रुव' से बुधवार को अफसर वाराणसी मण्डल में ट्रैक का निरीक्षण करेंगे। यहां तीन दिन पहले इसका सफल परीक्षण हुआ। मंगलवार को इसे वाराणसी के लिए रवाना कर दिया गया। इसे लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में पटरियों के इंस्पेक्शन के काम में लिया जाएगा।
इसमें अलग से इंजन जोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर वर्कशॉप में पहली बार सेल्फ प्रोपेल्ड इंस्पेक्शन यान तैयार किया गया है। इसे चलाने के लिए अलग से इंजन जोड़ने की जरूरत नहीं है। 22 सीटर यान में सीट के पीछे स्क्रीन लगी हुई है। यह स्क्रीन यान के आगे-पीछे और नीचे की ओर लगाए गए चार कैमरों से कनेक्ट है जो निरीक्षण के दौरान ट्रैक की हर ऐंगिल से जानकारी देगी। उच्च क्षमता वाले कैमरों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। इनसे 360 डिग्री की रिकार्डिंग होगी और यान में बैठे अफसर स्क्रीन पर पटरियों का हाल देख सकेंगे।
अभी निरीक्षण यान को इंजन जोड़कर चलाया जाता है। निरीक्षण भी मैन्युअल होता है। इनमें किसी तरह के कैमरे नहीं लगे होते। इससे दिक्कत होती है। कभी-कभी छोटी गड़बड़ियां पकड़ में नहीं आ पाती। इसमें समय भी ज्यादा लगता है। ध्रुव से निरीक्षण की रफ्तार भी बढ़ जाएगी।
सेल्फ प्रोपेल्ड यान के तेज रफ्तार में चलने पर भी हाई पावर कैमरे हर कोण से ट्रैक की वीडियो रिकॉर्ड करेंगे। इससे बारीक से बारीक खामी भी पकड़ में आ जाएगी। एनईआर के सीपीआरओ संजय यादव ने बताया कि यह यान ट्रैक की सुरक्षा और संरक्षा में कारगर साबित होंगे।
दिसंबर 2018 में वर्कशॉप में लगाए गए अनफिट डेमू कोच से यान बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। यह तीन मार्च को बनकर तैयार हो गया। इसको बनाने में 20 लाख रुपये का खर्च आया है। यह अगर नया खरीदा जाता तो इसकी कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा होती।