पुरानी बना नहीं सके, जलकुंभी निकालने को अब नई मशीन खरीदेंगे
Gorakhpur News - गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। रामगढ़झील की जलकुंभी अब सिर्फ खूबसूरती पर दाग नहीं, बल्कि गोरखपुर

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। रामगढ़झील की जलकुंभी अब सिर्फ खूबसूरती पर दाग नहीं, बल्कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। वजह सफाई के लिए उपयोग में लाई जाने वाली एक्वेटिक वीड हार्वेस्टर मशीन पिछले एक साल से खराब पड़ी है। प्राधिकरण ने अब झील की सफाई के लिए नई एक्वेटिक डी-विडिंग मशीन खरीदने का निर्णय लिया है। इस मशीन की लागत लगभग 1.5 से 1.9 करोड़ रुपये के बीच है। फिलहाल इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
रामगढ़झील के नए सवेरा पार्ट 2, सहारा इस्टेट, पैडलेगंज से लेकर मोहद्दीपुर रिंग रोड क्षेत्र तक जलकुंभी की भरमार हो गई है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के मद्देनज़र, प्राधिकरण ने मजदूरों की मदद से जलकुंभी हटाने का अभियान चलाया था, लेकिन वह सिर्फ अस्थायी राहत दे सका।
मरम्मत की कोशिश नाकाम, पार्ट्स मिलना भी मुश्किल
गोरखपुर विकास प्राधिकरण को एक्वेटिक वीड हार्वेस्टर मशीन उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) से प्राप्त हुई थी। पिछले एक साल से मशीन खराब थी और पार्ट्स भी उपलब्ध नहीं हो रहे थे। मार्च महीने में मशीन की मरम्मत के प्रयास किए गए, मगर सफल नहीं हो सके। प्राधिकरण के मुख्य अभियंता किशन सिंह ने बताया कि नई डी विडिंग मशीन के आने के बाद झील की सफाई तेजी से की जा सकेगी।
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