Gorakhpur Achieves 5-Star Garbage Free City Status but Lacks E-Waste Disposal Facilities ई-वेस्ट निस्तारण के लिए त्वरित कार्य योजना बनाने के निर्देश, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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ई-वेस्ट निस्तारण के लिए त्वरित कार्य योजना बनाने के निर्देश

Gorakhpur News - गोरखपुर नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों में चौथा स्थान और उत्तर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। हालांकि, निगम के पास ई-वेस्ट निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSat, 13 Sep 2025 09:37 AM
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ई-वेस्ट निस्तारण के लिए त्वरित कार्य योजना बनाने के निर्देश

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। गोरखपुर नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी में देशभर में चौथा स्थान, उत्तर प्रदेश में अपनी श्रेणी में पहला स्थान हासिल करने के साथ 5-स्टार गारबेज फ्री सिटी का प्रतिष्ठित दर्जा और वॉटर प्लस शहर की मान्यता हासिल की है। बावजूद इसके गोरखपुर नगर निगम के पास ई-वेस्ट निस्तारण का इंतजाम नहीं है। गोरक्षनगरी में चुनौती बनते ई-कचरा का निस्तारण को लेकर जिलाधिकारी दीपक मीणा ने असंतोष व्यक्त करते हुए त्वरित कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। पिछले दिनों जिला पर्यावरण समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने जिले में ई-वेस्ट (इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट) निस्तारण पर जानकारी ली।

नगर निगम ने बताया कि वर्तमान में निगम स्तर पर ई-वेस्ट निस्तारण के लिए कोई योजना क्रियान्वित नहीं है। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि ई-वेस्ट के सुरक्षित पर्यावरणीय दृष्टि से निस्तारण की तत्काल कार्य योजना बनाई जाए। सुझाव दिया कि नगर निगम किसी निजी संस्था को लीज या पीपीपी मॉडल के माध्यम से इस कार्य में सम्मलित करे ताकि जनपद में ई वेस्ट का प्रोसेसिंग, रीसाइक्लिंग एवं सुरक्षित निपटान सुनिश्चित किया जा सके। साल 2023 में ही बन गई थी नीति भारत सरकार की ओर से ई-वेस्ट के निस्तारण के लिए बनाई गई पॉलिसी में 134 ई-उत्पादों को चिह्नित कर उनके वेस्ट में तब्दील होने की समय सीमा तय की गई है। इनमें फ्रिज की औसत उम्र 10 वर्ष, वाशिंग मशीन की 9 वर्ष, पंखे की 10 वर्ष, रेडियो सेट की 8 वर्ष, टैबलेट, आइपैड की 5 वर्ष, स्कैनर की 5 वर्ष और इलेक्ट्रिक खिलौनों की उम्र 02 वर्ष निर्धारित है, लेकिन सच्चाई है कि लोगों के घरों में ई-वेस्ट पड़ा हुआ है। मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ई-वेस्ट वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नरेश अग्रवाल कहते हैं कि ई-वेस्ट में खतरनाक रसायन मसलन पारा, आर्सेनिक, कैडमियम समेत कई तरह के न्यूरोटॉक्सिक पदार्थ मिलते हैं। ये न केवल भूजल को दूषित करते हैं बल्कि सांस, फेफड़ों के कैंसर और त्वचा की बीमारियों के कारक बनते हैं। सुथनी में ई-वेस्ट निस्तारण की योजना 40 एकड़ में सहजनवा के सुथनी में बनाए जा रहे इंट्रीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में ई-वेस्ट निस्तारण के लिए प्लांट लगाने की तैयारी नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल कर रहे हैं। वर्तमान में आरआरआर सेंटर एवं एमआरएफ सेंटर में डोर टू डोर कचरा वाहनों और आईईसी टीम की मदद से ई-कचरा एकत्र कराया जा रहा है ताकि उसका उचित ढंग से एजेंसी के जरिए निस्तारण कराया जा सके। इसके लिए नागरिकों में जागरूकता संवाद और लीफलेट्स भी वितरित किए जा रहे हैं। आठ नगर पंचायतों में बनाया जा रहा एमआरएफ सेंटर नगर निगम, नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर के एमआरएफ सेंटर पर ई-वेस्ट एकत्र कर रहा है। डोर टू डोर कचरा एकत्र करने वाली गाड़ियों के जरिए कुछ जागरूक नागरिक ई-वेस्ट को निगम कर्मियों को सौंपते हैं। इसके अलावा इसे आरआरआर सेंटर पर एकत्र कराया जा रहा है। नगर निगम की ओर से कान्हा उपवन महेवा, बीआरडी मेडिकल कालेज, भैरोपुर पोखरा झारखण्डी, लालडिग्गी के पास एमआरएफ सेंटर बनाए गए हैं। वहीं 08 नगर पंचायतों (पीपीगंज, कैम्पियरगंज, घघसरा बाजार, उनवल, बांसगांव, बड़हलगंज, मुंडेरा बाजार, उरुवा बाजार) में भी एमआरएफ सेंटर का निर्माण 4 करोड़ 23 लाख 45 हजार रुपये से किया गया है।

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