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यू ट्यूब पर बनाया प्राइमरी शिक्षकों का स्मार्ट कोना

सरकारी प्राइमरी स्कूलों की बदहालत की तस्वीरें आपने बहुत देखी होंगी। कहीं भवन जर्जर हैं तो कहीं बच्चों को किताब नहीं मिली। कहीं शिक्षक नदारद तो कहीं मिड डे मील में गड़बड़ी। हर दूसरे दिन आपको ऐसी खबरें...

यू ट्यूब पर बनाया प्राइमरी शिक्षकों का स्मार्ट कोना
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरThu, 11 Jan 2018 11:23 AM
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सरकारी प्राइमरी स्कूलों की बदहालत की तस्वीरें आपने बहुत देखी होंगी। कहीं भवन जर्जर हैं तो कहीं बच्चों को किताब नहीं मिली। कहीं शिक्षक नदारद तो कहीं मिड डे मील में गड़बड़ी। हर दूसरे दिन आपको ऐसी खबरें देखने-सुनने को मिल जाएंगी लेकिन बदहालत के इस शोर में प्राइमरी स्कूलों का राहत महसूस कराने वाला एक ऐसा पहलू भी है जो ज्यादातर मामलों में सामने नहीं आ पाता।

इन स्कूलों में बहुत से शिक्षक, हेडमास्टर और विद्यार्थी अपने स्तर पर बेहतरीन कोशिशें कर रहे हैं। उनमें कुछ नया करने की छटपटाहट दिखती है। वे अपनी मेहनत से प्राइमरी स्कूलों की नई छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ये कोशिशें सामने नहीं आतीं और लोग सिर्फ बदहालत, बदइंतजामी वाले पहलू के बारे में जान पाते हैं। ऐसे में देवरिया के नौजवान प्राइमरी शिक्षक आशुतोष नाथ तिवारी ने एक स्मार्ट कोशिश की है। वह सोशल मीडिया का बेहतरीन इस्तेमाल कर प्राइमरी स्कूलों की छवि बदलने की राह पर चल पड़े हैं।

फिलहाल, देवरिया के रुद्रपुर ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सोनबह में तैनात आशुतोष की ज्वाइनिंग सितम्बर 2016 में हुई थी। लेकिन पहले ही दिन से उनके मन में प्राइमरी स्कूलों के प्रति समाज में फैली नकारात्मकता को लेकर मलाल था। उन्होंने अपने स्तर पर ऐसा कुछ करने की सोची कि यह छवि बदले। दोस्तों से विचार-विमर्श के बाद तय हुआ कि यू-ट्यूब पर एक चैनल बनाकर शुरुआत की जा सकती है।

नवम्बर 2016 में आशुतोष ने यू-ट्यूब पर प्राइमरी एजुकेशन नाम से (primary education) अपना चैनल बनाया। शुरुआत में वह अपने स्कूल के क्लास रूम में होने वाली अच्छी गतिविधियों की तस्वीरें और वीडियो बनाकर अपलोड करने लगे। रिस्पांस अच्छा मिला तो हौसला बढ़ा। इसके बाद आशुतोष ने अन्य शिक्षकों से इसकी चर्चा की। अब आसपास के स्कूलों की अच्छी शैक्षिक गतिविधियां भी चैनल पर अपलोड होने लगीं।

हालांकि कुछ शिक्षकों ने उनकी इस कवायद को बेमतबल बताकर हतोत्तसाहित भी किया लेकिन आशुतोष का उत्साह कायम रहा और उनका कारवां भी बढ़ता चला गया। इस वक्त देवरिया के करीब-करीब सभी ब्लाकों के शिक्षक उनसे जुड़ चुके हैं। एक साल में उनके चैनल पर सौ से अधिक वीडियो अपलोड हुए जिन्हें साढ़े चार लाख लोगों ने देखा। 13 सौ लोग उनका चैनल सब्सक्राइब कर चुके हैं।

बच्चों की रचनात्मकता सामने आ रही

आशुतोष के बनाए यू-ट्यूब चैनल के जरिए सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की प्रतिभा और रचनात्मकता सामने आ रही है। इस पर परिषदीय स्कूलों के पाठ्यक्रम के अलावा कई अन्य जानकारियां भी उपलब्ध हैं। कलरव, गिनतारा, रेनबो, संस्कृत प्यूषम, हमारा परिवेश और परख के विभिन्न पाठों को रोचक अंदाज में पढ़ाने से संबंधित कुछ वीडियो भी अपलोड किए गए हैं। यहां मौजूद वीडियो में प्राथमिक विद्यालय सोनबह की कक्षा चार की छात्रा रिंकी अल्फाबेटिकल क्रम में विश्व के सभी देशों के नाम बताती दिखती है। प्राथमिक विद्यालय दुबौली के प्रधानाध्यापक सैयद अली कविता के जरिए बच्चों को गिनती सिखा रहे हैं। जौनपुर जिले के प्राथमिक विद्यालय जहरूद्दीनपुर के शिक्षक शिवम सिंह खेल-खेल में कक्षा 3 के छात्रों को अंग्रेजी कविता ‘माई बैंड पढ़ा रहे हैं। छल्ले की मदद से बच्चों को गणित पढ़ाते प्राथमिक विद्यालय बनकटा चित्रसेन के अध्यापक रामकृष्ण मिश्र और प्रदेश के सभी जिलों का फर्राटे से नाम बताते दिव्यांग किशन चौहान का वीडियो देखने वालों को खासा प्रभावित कर रहा है।

मिल चुका है सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार

आशुतोष ने जब शिक्षक के रूप में ज्वाइन किया तो प्राथमिक विद्यालय सोनबह में सिर्फ 15-20 छात्र थे। उनके प्रयास से यहां का शैक्षिक माहौल बदला। छात्रों की संख्या 80 से ज्‍यादा हो गई। स्कूल की बेहतर शैक्षिक गतिविधियों को यू ट्यूब चैनल पर अपलोड किया तो काफी वाहवाही मिली। इसकी जानकारी होने पर बीएसए की संस्तुति पर तत्कालीन डीएम अनिता श्रीवास्तव ने 26 जनवरी 2017 को आशुतोष को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित किया।

प्रबन्धन की पढ़ाई की है

आशुतोष ने दिल्ली से बीसीए और पुणे से पीजीडीबीए की पढ़ाई की है। कुछ समय तक मल्‍टीनेशनल कम्‍पनी की नौकरी करने के बाद वह शिक्ष्‍ाक बने हैं। इसके लिए विशेष प्रयास करके वर्ष 2015 में उन्‍होंने बीटीसी किया। उनके माता-पिता भी शिक्षक हैं। पिता डा. सुरेंद्र नाथ तिवारी, लाला करमचंद इंका बरारी बैतालपुर में प्रधानाचार्य तो माता लीलावती तिवारी, प्राथमिक विद्यालय तिलई बेलवां में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं।

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प्राइमरी शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर बदलने का प्रयास विभाग भी अपने स्तर से लगातार कर रहा है। एक शिक्षक के द्वारा की गई यह पहल अत्यंत सराहनीय है। विभाग उनके प्रयास को जरूर प्रोत्साहित करेगा।

उपेंद्र कुमार, बीएसए देवरिया

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