दीपावली पर मदरसा शिक्षकों को राहत, सवा दो महीने का मानदेय मिलने की जगी उम्मीद
52 माह से रुके हुए मानदेय को लेकर परेशान मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को केंद्र सरकार ने फिलहाल करीब दो माह दस दिन का मानदेय देने का फैसला किया है। दीपावली पर केंद्र का यह निर्णय बड़ी राहत है।...
52 माह से रुके हुए मानदेय को लेकर परेशान मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को केंद्र सरकार ने फिलहाल करीब दो माह दस दिन का मानदेय देने का फैसला किया है। दीपावली पर केंद्र का यह निर्णय बड़ी राहत है। गोरखपुर के 156 मदरसों के करीब 464 शिक्षकों को थोड़ी राहत मिलेगी। अभी हाल ही में साढ़े छह दिन का मानदेय केंद्र सरकार ने जारी किया था जिसको लेकर शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की थी।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के लिए संचालित एसपीईएमएम योजना के अंतर्गत उप्र को 5089.656 लाख रुपये रिलीज किया है जो कि वर्ष 2016-17 के प्रथम किस्त का 40 प्रतिशत भाग है। याद रहे कि पिछले साल 2016-17 की प्रथम किस्त का 60 प्रतिशत भाग रिलीज हुआ था। केंद्र सरकार द्वारा जारी मानदेय के तहत परास्नातक शिक्षकों को करीब 29388 रुपये और स्नातक शिक्षकों को करीब 14694 रुपये जो लगभग दो माह दस दिन का मानदेय है वह मिलने की उम्मीद है। 2016-17 की प्रथम किस्त देने में भारत सरकार ने तीन साल का समय लगा दिया जबकि अभी 2016-17 की दूसरी किस्त बाकी है।
धीमी गति से मानदेय जारी करने से मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का मानदेय और अधिक लंबित होता जा रहा है हालांकि जारी मानदेय अभी भी काफी कम समय का है और तक़रीबन चार साल का केन्द्रांश अभी भी बाक़ी है। गौरतलब है कि देश भर में मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की तादाद पचास हजार के करीब है जिसमें से 25000 मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक उत्तर प्रदेश के मदरसे में छात्रों को अंग्रेजी, हिंदी, गणित और साइंस की शिक्षा दे रहे हैं। जिसमें से 70 फ़ीसद शिक्षक मुस्लिम और 30 फ़ीसद गैर मुस्लिम हैं।