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गीता प्रेस: जर्मनी की मशीनें सिलेंगी हमारे वेद-पुराण

धार्मिक पुस्तकों की मांग को पूरा करने के लिए गीता प्रेस प्रबंधन जर्मनी से अत्याधुनिक मशीनें मंगा रहा है। पौने दो करोड़ की मशीन से चंद घंटों में वेद पुराण, रामचरितमानस सरीखी हजारों धार्मिक पुस्तकों की...

गीता प्रेस: जर्मनी की मशीनें सिलेंगी हमारे वेद-पुराण
वरिष्ठ संवाददाता,गोरखपुर Thu, 01 Jan 1970 05:30 AM
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धार्मिक पुस्तकों की मांग को पूरा करने के लिए गीता प्रेस प्रबंधन जर्मनी से अत्याधुनिक मशीनें मंगा रहा है। पौने दो करोड़ की मशीन से चंद घंटों में वेद पुराण, रामचरितमानस सरीखी हजारों धार्मिक पुस्तकों की सिलाई होगी। मशीन 16 अक्तूबर तक गोरखपुर पहुंच जायेगी।

किताबों की बाइडिंग के लिए मंगवाई गई 14 करोड़ रुपये की मशीन
60 हजार से अधिक पुस्तकें रोज छापता है गोरखपुर का गीता प्रेस
 

गीता प्रेस प्रबंधन अपने स्थापना से अबतक 60 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन कर चुका है। गीता प्रेस में रोज 60 हजार से अधिक पुस्तकों की प्रिटिंग होती है। तेज और गुणवत्ता युक्त छपाई के लिए गीता प्रेस प्रबंधन पिछले कुछ वर्षों से प्रिटिंग सेक्शन को हाईटेक करने में जुटा है। इसी को देखते हुए पौने दो करोड़ की लागत से जर्मनी से अत्याधुनिक मशीन मंगाई जा रही है। मशीन जर्मनी से डिस्पैच हो गई है। इसके 16 अक्तूबर तक गोरखपुर पहुंचने की उम्मीद है।

‘‘साल दर साल गीता प्रेस की पुस्तकों की मांग बढ़ रही है। त्रृटिरहित और क्वालिटी की पुस्तकों के लिए अत्याधुनिक मशीनें मंगाई जा रही है। हमारा प्रयास है कि लोगों को सस्ते दाम में अधिक से अधिक लोगों को गीता प्रेस की पुस्तकें पहुंच सकें।’’
लालमणि तिवारी, प्रोडक्शन मैनेजर 

14 करोड़ से लगी थी बाइडिंग की मशीन
पुस्तकों की बाइडिंग के लिए गीता प्रेस प्रबंधन ने जर्मनी से 14 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक मशीन का आयात किया था। इसी के साथ बीते फरवरी महीने में जापान से पौने तीन करोड़ की लागत से अत्याधुनिक मशीन मंगाई गई थी। जापानी मशीन से प्रिटिंग न सिर्फ बेहद साफ होती है बल्कि यह चंद मिनटों में हजारों प्रतियां छाप देती है। इसके पहले पुस्तकों की सिलाई के लिए गीता प्रेस प्रबंधन तीन अत्याधुनिक मशीनें स्थापित कर चुका है। इनमें दो मशीनें जर्मनी और एक मशीन इटली से मंगाई गई थीं।

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