कोरोना काल में घर चलाना मुश्किल, खटाई में पड़ी जीडीए की OTS योजना, छूट भी नहीं लुभा रही
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के बकायेदार ओटीएस योजना को लेकर कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कोरोना काल में छिन रहे रोजगार के बीच बिगड़ी आर्थिक स्थिति को लेकर लोगों ने हाथ खड़ा कर दिया है। सितम्बर...
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के बकायेदार ओटीएस योजना को लेकर कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कोरोना काल में छिन रहे रोजगार के बीच बिगड़ी आर्थिक स्थिति को लेकर लोगों ने हाथ खड़ा कर दिया है। सितम्बर महीने में योजना खत्म होनी है। स्थिति यह है कि 1102 बकायेदारों में से सिर्फ 171 ने ही ओटीएस योजना में रजिस्ट्रेशन कराया है।
शासन की ओर से सभी श्रेणी के आवंटियों के लिए छह मार्च 2020 को ओटीएस योजना लागू की गई थी। जीडीए ने भी तभी से इसे अपने यहां लागू कर दिया। बीच में लॉकडाउन हो जाने के कारण योजना की अंतिम तिथि 30 सितम्बर तक बढ़ा दी गई है। योजना लांच होने के बाद से ही कोरोना का खतरा शुरू होने से लोग इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। जीडीए की ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) योजना तहत डिफाल्टर आवंटियों को बकाया जमा कर दंड ब्याज में छूट का लाभ देने का प्रावधान है।
दंड ब्याज में छूट से कई आवंटियों को अच्छी-खासी धनराशि का फायदा हो सकता है लेकिन करीब चार महीने में 1102 डिफॉल्टरों में से मात्र 171 ने ही आवेदन किया है। उनमें भी 64 ने ही धनराशि जमा कर योजना का लाभ लिया है। जीडीए के अधिकारी बकाएदारों से अपील कर योजना का लाभ लेने को कह रहे हैं लेकिन उनकी ओर से रुचि नहीं दिखाई जा रही है। अंतिम तिथि बीतने के बाद प्राधिकरण की ओर से ऐसे बकाएदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
जीडीए की ओर से 1102 बकाएदारों को सूचना दे दी गई है लेकिन अभी तक मात्र 171 लोगों ने ही आवेदन किया है। सभी बकाएदार ओटीएस योजना का लाभ लेकर बकाए का भुगतान कर दें। आगे वसूली के लिए आरसी जारी करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आवंटन निरस्त व कब्जे से बेदखल करने के कदम उठाने की तैयारी भी है।
अनुज सिंह, उपाध्यक्ष, जीडीए