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कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार को अलग अंत्येष्टि स्थल

कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम अलग से अंत्येष्टि स्थल बनाएगा। राप्ती के किनारे राजघाट पर प्रस्तावित इस अंत्येष्टि स्थल पर शवों का दाह संस्कार एलपीजी आधारित प्लांट में होगा। एक शव...

कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार को अलग अंत्येष्टि स्थल
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरTue, 26 May 2020 02:01 AM
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कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम अलग से अंत्येष्टि स्थल बनाएगा। राप्ती के किनारे राजघाट पर प्रस्तावित इस अंत्येष्टि स्थल पर शवों का दाह संस्कार एलपीजी आधारित प्लांट में होगा। एक शव के अंतिम संस्कार में 12 से 16 किलोग्राम एलपीजी की जरूरत होगी। करीब 80 लाख की लागत से अंत्येष्टि स्थल को महीने भर में तैयार कर लिया जाएगा।

गोरखपुर मंडल के कोरोना संक्रमितों का इलाज गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही हो रहा है। बीआरडी में मरने वाले संक्रमितों का अंतिम संस्कार नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है। लकड़ी से दाह संस्कार के खतरों को देखते हुए कमिश्नर ने नगर निगम को फूलप्रूफ व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। रविवार की देर शाम महापौर सीताराम जायसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में बिजली आधारित शवदाह गृह को लेकर विचार विमर्श हुआ। विशेषज्ञों ने बताया कि बिजली आधारित शवदाह गृह को पूरी तरह गर्म करने में करीब सात घंटे लगते हैं। इसे लगातार गर्म रखने में काफी अधिक बिजली की खपत होगी। ऐसे में एलपीजी आधारित अंत्येष्टि स्थल की कार्ययोजना तैयार की गई है। नगर निगम प्रशासन ने नोएडा की एक फर्म से वार्ता भी कर ली है। मुख्य अभियंता सुरेश चंद ने बताया कि नोएडा के साथ कुछ अन्य फर्म से वार्ता हुई है। टेंडर आदि की औपचारिकता पूरी करने के बाद महीनेभर के अंदर अंत्येष्टि स्थल को तैयार कर लिया जाएगा। वायु प्रदूषण रोकने के लिए इसमें लिए स्क्रबर भी लगाया जाएगा।

सात शव का हो चुका है अंतिम संस्कार

राजघाट पर अभी तक सात कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार हो चुका है। दाह संस्कार के लिए एक व्यक्ति को विशेष रूप से तैयार किया गया है। लकड़ी की व्यवस्था नगर निगम कर रहा है। लकड़ी पर दाह संस्कार से संक्रमण का खतरा बना रहता है।

राप्ती तट पर बना पहले से बन रहा है अंत्येष्टि स्थल

राजघाट पर पहले से ही करीब 10 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक अंत्येष्टि स्थल का निर्माण अंतिम चरण में है। यहां 10 शव का लकड़ी और दो शव का गैसीफायर विधि से अंतिम संस्कार किया जा सकता है। इसी स्थल के एक किनारे कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए महीने भर में एलपीजी आधारित अंत्येष्टि स्थल तैयार कर लिया जाएगा।

बोले मेयर

नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए कोरोना संक्रमित शव के लिए अगल से एलपीजी आधारित अंत्येष्टि स्थल बनाया जा रहा है। लकड़ी की तुलना में यह पूरी तरह सुरक्षित होगा। महीनेभर के अंदर इसका काम पूरा हो जाएगा। शव का दाह संस्कार एक घंटे में हो जाएगा।

-सीताराम जायसवाल, महापौर

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